सनातन धर्म में गोवर्धन पूजा का भी एक विशेष महत्व है। क्योंकि गोवर्धन पूजा अहंकार पर भक्ति और प्रकृति की शक्ति की विजय का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा, इस दिन विशेष रूप में गौ माता की भी पूजा की जाती है। इसका मुख्य कार्यक्रम कृष्ण नगरी में किया जाता है। लेकिन आज, मथुरा वृन्दावन के अलावा उत्तराखंड समेत तमाम क्षेत्रों में गोवर्धन पूजा बड़े ही धूम धाम से मनाया जा रहा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित गौशाला में गौमाता की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली, समृद्धि और जन कल्याण की कामना की।
वही, मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवर्धन पूजा प्रकृति संरक्षण, मनुष्यों एवं जानवरों के बीच के प्रेम को दर्शाता है। यह पर्व हमें अपनी परंपराओं, संस्कृति और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बने रहने का भी संदेश देता है। हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा मिला है। गौमाता सनातन संस्कृति और कृषि जीवन का अभिन्न हिस्सा है। उनकी सेवा और संरक्षण, हमारे जीवन को आगे बढ़ाता है। कई परिवारों का भरण-पोषण गाय पालन और गो-सेवा से होता है। गौ-संवर्धन धार्मिक भावनाओं से जुड़े होने के साथ ही आजीविका और आत्मनिर्भरता से भी जुड़ा हुआ है।
गोवर्धन पूजा के अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने सभी से अपील किया कि सभी लोग मिलकर गायों की सेवा, सुरक्षा और संरक्षण के लिए प्रयास करें। उन्होंने कहा राज्य सरकार निराश्रित गोवंश के लिए गौ सदनों के निर्माण और संचालन को बढ़ावा दे रही है। सीएम ने कहा राज्य में निराश्रित पशु (जिन्हें गौशालाओं में पाला जा रहा है) उनके भरण पोषण के लिए पहले 5 रुपए प्रति दिन प्रति पशु दिया जाता था, इसे बढ़ाकर अब 80 रुपए प्रति पशु/ प्रति दिन किया गया है।
इसके अलावा, निजी रूप से गौशालाओं के निर्माण में राज्य सरकार ने 60 फीसदी सब्सिडी देने का प्रावधान किया है। जिसका लोग लाभ उठा रहा है। सीएम ने कहा कि राज्य में करीब 54 गौ सदनों का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा आगे भी राज्य सरकार गौ संरक्षण के लिए कार्य करते रहेगी।
