उत्तराखंड राज्य में हर साल आपदाएं आती हैं और इन आपदाओं की वजह से जान माल का काफी नुकसान होता है। ऐसे में प्राकृतिक आपदाओं के समय जनता को अलर्ट किए जाने को लेकर देहरादून के डालनवाला थाना परिसर में लॉन्ग रेंज आधुनिक सायरन स्थापित किया गया। जिसका मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को 13 लॉन्ग रेंज आधुनिक सायरनों का लोकार्पण किया। राज्य सरकार का मानना है कि ये पहल राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमता को और अधिक मजबूत करने की दिशा में काफी महत्वपूर्ण होगी।
लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड एक आपदा संभावित राज्य है, जहां समय रहते सतर्कता और सूचना प्रसारण अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस लिहाज से ये अत्याधुनिक सायरन प्रणाली काफी मददगार साबित होगी। साथ ही कहा कि राज्य सरकार नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है, और तकनीक के जरिए पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग को सशक्त बनाया जा रहा है।
सीएम धामी ने कहा कि एक पहाड़ी राज्य होने के कारण उत्तराखंड में आपदाओं का खतरा हमेशा बना रहता है। भूस्खलन, बादल फटना, बाढ़ और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं राज्य को समय-समय पर चुनौती देती रहती हैं। इस साल भी हमें कई भीषण आपदाओं का सामना करना पड़ा। ऐसे में सरकार इन आपदाओं से होने वाली क्षति को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। साथ ही राज्य में आपदा पूर्व चेतावनी प्रणाली (अर्ली वार्निंग सिस्टम) को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 8 किलोमीटर और 16 किलोमीटर की रेंज वाले ये सायरन न केवल प्राकृतिक आपदाओं के समय जनता को अलर्ट करेंगे, बल्कि नागरिक सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहद उपयोगी होंगे। क्योंकि समय रहते लोगों को चेतावनी मिल जाए, तो न केवल जानमाल की हानि को कम किया जा सकता है, बल्कि आपदा की स्थिति में राहत और बचाव कार्य भी अधिक प्रभावी ढंग से चलाए जा सकते हैं। सीएम ने कहा ये लॉन्ग रेंज सायरन केवल किसी संभावित आपदा की चेतावनी देने तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि आम जनमानस को जागरूक करने तथा समय पर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने में भी सहायक होंगे।
ये सायरन भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों, संवेदनशील स्थानों और आपदा संभावित इलाकों में स्थापित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस प्रणाली का लगातार परीक्षण किया जाए और आम जनता को इसके बारे में जागरूक किया जाए, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में इसका अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जा सके।