उत्तर प्रदेश में आयोजित ‘तृतीय कुम्भ कॉन्क्लेव’ के समापन समारोह को सीएम ने वर्चुअल रूप से किया संबोधित।

उत्तराखंड शासन उत्तराखण्ड धार्मिक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह कुंभ कॉन्क्लेव भारतीय सनातन संस्कृति, सभ्यता और आध्यात्मिकता के मूल्यों को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का एक प्रभावशाली मंच है। जिसके आयोजन के लिए मुख्यमंत्री ने “इंडिया थिंक काउंसिल” का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रिवेणी की ये भूमि गंगा, यमुना और सरस्वती जैसी पवित्र नदियों की संगम स्थली के साथ हमारी सनातन संस्कृति, आस्था और आध्यात्मिक परंपराओं का भी संगम है। यहां होने वाला कुंभ धार्मिक स्नान, पाप मुक्ति के साथ ही व्यक्ति को आत्मिक, वैचारिक और मानसिक शुद्धि भी प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति मात्र एक पूजा-पद्धति नहीं बल्कि जीवन जीने का एक ऐसा मार्ग है, जिसमें प्रत्येक प्राणी के कल्याण की भावना निहित है। हमारी संस्कृति “वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना पर आधारित है। कुंभ का आयोजन भी हमारी इसी विचारधारा का प्रतीक है, जहाँ देश-विदेश से लाखों लोग बिना किसी भेदभाव के संगम में डुबकी लगाकर आत्मिक शांति प्राप्त करते हैं। कुम्भ मेले के माध्यम से हम अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भावी पीढ़ियों तक भी पहुंचाते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ के आयोजन में विश्वभर से लोग भारतीय संस्कृति, योग, आयुर्वेद और आध्यात्मिकता के रहस्यों को जानने और समझने हेतु आते हैं। इससे भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार होता है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “विकास भी और विरासत भी” के मूलमंत्र के साथ एक नया इकोसिस्टम भी विकसित किया जा रहा है। केदारनाथ एवं बद्रीनाथ धाम का पुनर्निर्माण कार्य, अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल लोक का विकास, योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाना, कुंभ को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा दिलवाने जैसे अनेकों ऐतिहासिक कार्य उनके नेतृत्व में हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में तीर्थ स्थलों के विकास और कल्याण की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। जिसके बाद देश में बड़े बदलाव हुए है। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सनातन संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है। निश्चित ही उन्हीं के नेतृत्व में होने जा रहे महाकुंभ का आयोजन भी भव्य और ऐतिहासिक होगा। उन्होंने कहा कुंभ जैसे आयोजन हमें अपनी जड़ों से जुड़ने में मदद करते हैं और हमें समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए भी प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा निश्चित ही प्रयागराज में होने जा रहा महाकुंभ भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।