कहते हैं कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं इसी तर्ज पर किसी भी सरकार के शुरुआती कामकाज का आकलन उस सरकार की भविष्य की ओर संकेत होता है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार को आज 100 दिन पूरे हो गए हैं। इस 100 दिन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने कामकाज का छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत विधानसभा से 94% वोट से जीत कर इतिहास कायम कर दिया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट का वादा किया था।
इस दिशा में उन्होंने 100 दिन में यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट के लिए ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन कर दिया है, इस कमेटी में 5 सदस्य हैं। कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर धामी सरकार राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की के लिए आगे बढ़ेगी। वही, पुष्कर सिंह धामी सरकार की 100 दिन की नए कार्यकाल में कई विभागों में वैकेंसी निकली और युवाओं को नौकरी देने की दिशा में भी काम हुए। धामी 2.0 सरकार ने राज्य के गरीबों को तीन मुक्त गैस सिलेंडर देने की घोषणा भी की है।
धामी सरकार ने 2022-23 का बेहद संतुलित बजट पेश किया, जिसकी हर तरफ तारीफ हुई। इस बजट पर मुख्यमंत्री के सोच का साफ देखने को मिला। बजट में युवाओं महिलाओं व्यापारियों और पर्यटन व तीर्थाटन पर सरकार का फोकस रहा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर सामने कई चुनौतियां भी 100 दिन में देखने को मिली। पहली चुनौती चार धाम यात्रा को सुचारू ढंग से संचालित करने की रही। जहां की यात्रियों की मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। वहीं आर्थिक मोर्चे पर धामी सरकार के सामने संसाधन बढ़ाने, राजकोषीय घाटा कम करने, नॉन प्लान के बजट को कम कर के प्लान के बजट को बढ़ाने की चुनौती होगी। इसके साथ ही राज्य पर बढ़ रहे कर्जों के बोझ से निपटने की बड़ी जिम्मेदारी भी उनके कंधे पर है।
23 मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शपथ लिया था जिसके बाद आज, धामी 2.0 के इस कार्यकाल को 100 दिन पूरे हो रहे है। हालांकि, सरकार के गठन के बाद से ही यह स्पष्ट कर दिया गया था कि 100 दिन के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड सरकार जनता के बीच रखेगी। इसके साथ ही सभी कैबिनेट मंत्रियों से उनके विभागों में इस 100 दिन के भीतर किए गए कामों का रिपोर्ट कार्ड भी जांचेगी। मुख्य रूप से 100 दिन के कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री ने ना सिर्फ कई बड़ी योजनाएं शुरू की है बल्कि तमाम ऐसे बड़े फैसले भी लिए हैं जिसका जनता को सीधे फायदा पहुंचा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस कार्यकाल का 100 दिन का वक्त पूरा होने जा रहा है जिसको लेकर जनता भी काफी उत्साहित नजर आ रही है। जहां एक ओर राजनीतिक पार्टियां इस पर राजनीति करती नजर आ रही है। तो वहीं, आम जनता की माने तो उनका कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले भी बेहतर काम कर रहे थे। यही वजह है कि चंपावत विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भारी बहुमत के साथ चुनाव जीत कर आए हैं। हालांकि, इस 100 दिन के कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई बड़े फैसले लिए हैं जो कि जनता के हित में है।
जहां एक ओर गदरपुर से विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि इस 100 दिन के कार्यकाल के दौरान मुख्य अतिथि पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने कई बड़े निर्णय लिए हैं जिसका सीधे जनता को फायदा पहुंचा है मुख्य रूप से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड मामले पर बड़ा पैसा लेते हुए ना सिर्फ इसके लिए कमेटी गठित की बल्कि पांच करोड़ रुपए की धनराशि भी जारी कर दी। इसके साथ ही जनता के लिए कई बड़ी योजनाओं की शुरूआत भी की गई। तो वहीं, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन ने कहा कि इस 100 दिन के भीतर धामी सरकार ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए है जिसका जनता को बड़ा फायदा मिला है।
जहां एक और भाजपा धामी सरकार के इस 100 दिन के कार्यकाल को ऐतिहासिक फैसला लेने वाला कार्यक्रम बता रही तो वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस धामी सरकार के 100 दिन पर जमकर हमला बोलती नजर आ रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण महरा ने कहा कि भाजपा सरकार के 100 दिन के कार्यकाल के दौरान कोई भी उपलब्धि हासिल नहीं हुई है बल्कि इस 100 दिन के भीतर प्रदेश की जनता धरने पर बैठी नजर आई है। साथ ही कहा कि डबल इंजन की सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है। साथ ही कहा कि सिर्फ वादे और घोषणाएं करने से राज्य का विकास नहीं होगा लिहाजा धामी सरकार पूरी तरह से फेल साबित हुई है।