धामी मंत्रिमंडल की बैठक खत्म, 8 प्रस्तावों पर लगी मुहर। 

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक संपन्न हो गई है। कैबिनेट बैठक में 8 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। मुख्य रूप से देहरादून के रायपुर क्षेत्र में विधानसभा भवन बनाए जाने के मद्देनजर आसपास के क्षेत्रों को फ्रिज जोन घोषित कर दिया गया था। ऐसे में मंत्रिमंडल में इस फ्रिज जोन में छोटे निर्माण कार्यों को अनुमति दे दी है। जिसके तहत फ्रिज जोन में व्यक्तिगत आवास और दुकान बना सकेंगे। हालांकि, इसके लिए आवास विभाग अलग से गाइडलाइन जारी करेगा। यही नहीं मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को आंगनबाड़ी केंद्रों में अपग्रेड किया जाएगा।

धामी मंत्रिमंडल में 8 प्रस्तावों पर लगी मुहर…….

– उत्तराखंड महिला एवं बाल विकास अधीनस्थ सुपरवाइजर सेवा नियमावली 2021 में किया गया संशोधन। भारत सरकार के निर्देश पर प्रदेश में संचालित सभी मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्र में उच्चीकरण किया जाना है।

– रायपुर और उसके समीप क्षेत्रों में लगाए गए फ्रिज जोन के तहत छोटे मकान और दुकान बनाने में दी गई छूट।

– स्वास्थ्य कार्यकर्ता और स्वास्थ्य परिवेक्षक कर्मचारियों की पांच साल की सेवा पूरी होने के बाद उन्हें पूरे सेवा काल में एक बार ट्रांसफर का लाभ मिलेगा।

– यूसीसी में किया गया संशोधन, आधार के अलावा नेपाली और भूटानी नागरिक प्रमाणपत्र को भी वैध माना जायेगा। तिब्बती नागरिक के लिए विदेशी पंजीकरण को भी वैध माना जायेगा।

– कार्मिक विभाग के तहत जो कर्मचारी अपने 50 फ़ीसदी सेवा किसी पद में पूरी कर चुके हैं उनको अपने सेवा काल में एक बार शिथिलीकरण दिए जाने की व्यवस्था की गई है। लेकिन कुछ विभागों में एक विभाग से दूसरे विभागों में उच्च पदों में जाने के लिए कुछ अलग-अलग प्रावधान थे। जिसके चलते निर्णय लिया गया है कि एक सेवा से दूसरे सेवा में जाने के लिए शिथिलीकरण का लाभ मिल पाएगा।

– संस्कृति एवं विधाई विभाग के तहत सत्रावसान को विचलन में जरिए सीएम ने मंजूरी दी थी जिसे मंत्रिमंडल के संज्ञान में रखा गया।

– राज्य स्थापना के 25वें यानी रजत जयंती वर्ष के अवसर पर विशेष सत्र आयोजित किए जाने का निर्णय लिया है। जिसकी तिथियां का निर्धारण करने के लिए कम धामी को अधिकृत किया गया।

– उत्तराखंड राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के लिए लाभांश वितरण नीति के तहत यह व्यवस्था की गई थी कि जो पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग निगम है इनको जो आफ्टर टैक्स प्रॉफिट है उसका 15 फीसदी प्रॉफिट राज्य सरकार को देना होगा। जिस पर मंत्रिमंडल ने मोहर लगा दी है।