उत्तराखंड राज्य में जहां एक ओर प्राकृतिक आपदा सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। तो वहीं, दूसरी ओर 11 जुलाई से शुरू होने जा रही कावड़ यात्रा की तैयारी भी सरकार के लिए एक टेढ़ी खीर साबित होती दिखाई दे रही है। यही वजह है कि राज्य सरकार प्राकृतिक आपदा से निपटने के साथ ही कावड़ यात्रा में आने वाले लाखों का कावड़ियों को बेहतर व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने पर जोर दे रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को प्रदेश की कानून-व्यवस्था, कांवड़ यात्रा और आपदा प्रबंधन को लेकर बैठक की। बैठक के दौरान सीएम ने अधिकारियों को तमाम जरूरी दिशा निर्देश दिए।
उत्तराखंड राज्य में लगातार हो रही भारी-बड़ी से चलते तमाम क्षेत्रों में आपदा जैसी स्थिति बनी हुई है। ऐसे में आपदा की स्थिति की समीक्षा करते हुए सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए हेली एंबुलेंस सेवा की उपलब्धता, महिला सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक बेहतर करने और आम जनमानस की शिकायतों के समाधान की प्रगति व ट्रैकिंग की सतत निगरानी की जाए। यही नहीं सीएम ने सभी विभागीय सचिवों और पुलिस महानिरीक्षकों को अगले तीन दिनों में कांवड़ मेला क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर तैयारियों की समीक्षा करने और अपने-अपने विभागों की कार्य योजनाओं को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए।
प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर की गई बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड पुलिस के उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए की सभी जिलों में सख्ती के साथ सत्यापन अभियान चलाया जाए। राज्य की सीमाओं पर चौकसी बढ़ती जाए साथ ही अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई को जारी रखा जाए। कावड़ यात्रा मार्गों पर सीसीटीवी और द्रोण के जरिए निगरानी करने के लिए व्यवस्था करने और ट्रैफिक कंट्रोल प्रणाली को बेहतर करने के निर्देश दिए है। बैठक के दौरान सीएम धामी ने सख्त संदेश दिए कि पीड़ितों की बात को गंभीरता से न सुनने वाले या फिर लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
कानून-व्यवस्था के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर ही कार्य किया जाएगा और अपराध एवं अपराधियों के प्रति राज्य सरकार की नीति पूरी तरह सख्त और साफ है। साथ ही सीएम ने नशाखोरी और ड्रग्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर प्रभावी तरीके से कार्य करने के भी निर्देश दिए। कावड़ यात्रा के दौरान पिछले सालों में की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए सीएम ने पिछले सालों की चुनौतियों को देखते हुए इस साल बेहतर व्यवस्थाएं करने की बात कही। इस विशाल धार्मिक आयोजन में तोड़फोड़, उपद्रव या अन्य अवांछनीय घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं। शिविर संचालकों, कार्यरत व्यक्तियों, वॉलंटियर और होटल/धर्मशालाओं में ठहरने वाले व्यक्तियों का पूरी तरह से सत्यापन कराया जाए।
सीएम ने सभी प्रमुख स्थलों पर एक्सरे सिस्टम, अग्निशमन यंत्र, फायर टेंडर और कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही खाद्य व पेय पदार्थों की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी और जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए पुख्ता इंतजाम करने को कहा। भीड़ प्रबंधन में वॉलंटियर्स की मदद लेने, सीसीटीवी और ड्रोन से निरंतर निगरानी और अभिसूचना तंत्र को सक्रिय रखने की बात कही। बेहतर यातायात व्यवस्था अलग से प्लान बनाकर उसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा न हो। आतंकवादी खतरों को मद्देनजर रखते हुए एटीएस और विशेष सुरक्षा बलों की तैनाती करने के भी निर्देश दिए गए।
सीएम ने हरिद्वार के घाटों, नीलकंठ महादेव मंदिर समेत अन्य प्रमुख स्थलों पर एम्बुलेंस एवं बैकअप की व्यवस्था करने, सादे वस्त्रों में महिला व पुरुष सुरक्षाकर्मियों की पर्याप्त तैनाती करने और आपदा राहत उपकरणों से युक्त गोताखोरों व जल पुलिस को अलर्ट मोड पर रखने को कहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि यात्रा मार्गों पर तेज ध्वनि विस्तारक यंत्रों, डीजे व लाउडस्पीकर के उपयोग को नियमबद्ध किया जाए। दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर सुधारात्मक कार्य किए जाएं। कांवड़ यात्रियों को ‘क्या करें और क्या न करें’ की जानकारी पेम्फलेट, होर्डिंग, पब्लिक अनाउंसमेंट और सोशल मीडिया के जरिए दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कांवड़ियों को लाठी, डंडा, नुकीली वस्तुएं आदि ले जाने से रोकने के लिए प्रचार अभियान चलाने को कहा। यात्रा मार्गों में मादक पदार्थों, शराब एवं मांस की बिक्री पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने और समुचित बिजली, पानी, चिकित्सा जैसी आधारभूत सुविधाओं को सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। महिला कांवड़ियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनकी सुरक्षा के लिए महिला घाटों और धर्मशालाओं में विशेष पुलिस प्रबंध सुनिश्चित करने को कहा गया। अंतर्राज्यीय समन्वय बढ़ाकर सूचनाओं का तत्काल आदान-प्रदान करने, सोशल मीडिया पर निगरानी रखते हुए अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने और संबंधित पोस्टों का तत्काल खंडन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।