जुलाई से प्रदेश में नई शिक्षा नीति को लागू किया जाना है। इसके लिए शिक्षा विभाग माथापच्ची में जुट गया है। एससीईआरटी में इसके लिए अधिकारी लगातार नई नीति को लेकर बैठकें कर रहे हैं। नई शिक्षा नीति में कुछ बड़े व्यावहारिक बदलाव होने हैं। इसमें अब दसवीं में बोर्ड नहीं होने तथा वार्षिक परीक्षा के बजाय सेमेस्टर सिस्टम लागू करने की बात कही गयी। इसके लिए उत्तराखंड का शिक्षा विभाग एनसीईआटी व केंद्रीय शिक्षा बोर्ड के द्वारा अपनाये जाने वाले तौर तरीके ही अपनाएगा। विभाग केंद्रीय बोर्ड व के सम्पर्क में है और उनके साथ भी इस पर मंथन चल रहा है।
विभागीय स्तर पर बाल वाटिका व प्राथमिक शिक्षा के लिए की गयी, नई व्यवस्था पर मंथन चल रहा है। प्रदेश की जटिल भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए विभाग के सामने यह बड़ी चुनौती है कि दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों और एकल विद्यालय वाले स्कूलो में इसे कैसे किया जाए। नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए शिक्षा विभाग शिक्षा के वर्गीकरण को लेकर किये गये बदलाव का अध्ययन करने के साथ ही इसमें आने वाली संभावित कठिनाइयों पर भी विचार किया जा रहा है। ताकि समय रहते कठिनाइयों को दूर कर लिया जाए।
आपको बता दे कि प्रदेश के सरकारी स्कूल छह जुलाई से खुल रहे हैं। सरकार ने जुलाई से नयी शिक्षा नीति को लागू करने की घोषणा कर दी है। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि हर हाल में जुलाई से नयी शिक्षा नीति का पालन किया जाए। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने बताया कि विभागीय स्तर पर नयी शिक्षा नीति को लेकर मंथन चल रहा है। इसको लागू करने के लिए एससीईआरटी पूरी तैयारी कर रहा है।