उत्तराखंड चारधाम की यात्रा 3 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हो रही है जिसे देखते हुए चार धाम यात्रा से संबंधित सभी विभाग व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने की कवायद में जुटे हुए हैं। तो वहीं, पुलिस महकमा भी सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही आपातकालीन स्थिति में राहत बचाव कार्यों के लिए भी एसडीआरएफ की तैनाती करने के निर्देश दे दिए हैं।
दरअसल, चारधाम यात्रा के दौरान पर्वतीय मार्गो से गाड़ी के गिरने या फिर भूस्खलन होने जैसी तमाम सूचनाएं प्राप्त होती है। जिसको देखते हुए एसडीआरएफ से ट्रेनिंग प्राप्त पुलिस कर्मियों को थानों और चौकियों में तैनात किया जाएगा।
डीजीपी ने अधिकारियों को दिए निर्देश……
– चारधाम यात्रा रूटों पर पड़ने वाले पुलिस थानों में 04 एवं चौकियों में 02 एसडीआरएफ से प्रशिक्षण प्राप्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाए।
– आपदा मित्रों को राहत एवं बचाव कार्याें का प्रशिक्षण दिया जाए। साथ ही इन सभी आपदा मित्रों का जनपदवार व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाए, जिसमें एसडीआरएफ के पोस्ट कमाण्डर और कम्पनी कमाण्डर भी जुड़े हों। ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में सूचना तेजी से मिले और रिस्पांस टाइम अच्छा हो।
– मानसून से पहले आपदा की दृष्टि से महत्पवूर्ण स्थानों को चिन्हित कर एसडीआरएफ के व्यवस्थापन का प्लान तैयार कर लें।
– हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम की क्षमता को बढ़ाते हुए इसमें प्रशिक्षण प्राप्त 50 कर्मियों को ट्रेकिंग के बेस प्वाइंट्स पर तैनात किया जाए। सभी कर्मी वे हो, जो 20 हजार फीट की पर्वत श्रंखला चढ़ चुके हैं।
– चारधाम यात्रा एवं मानसून के दृष्टिगत एसडीआरएफ द्वारा पुलिसकर्मियों को दिए जाने वाले आपदा एवं बाढ़ राहत प्रशिक्षण को माह मई, जून, जुलाई व अगस्त में संचालित न किया जाए। यह प्रशिक्षण सितम्बर माह से प्रारम्भ किये जाए। पीएसी एवं पुलिसकर्मियों की क्षमता में वृद्धि हो इसके लिए उन्हें यह प्रशिक्षण अधिक से अधिक कराया जाए।
– बाढ़ राहत की प्रत्येक टीम को अत्याधुनिक बाढ़ राहत उपकरणों से लैस किया जाए।
– मोरी, घनसाली, गैरसैंण और चम्पावत में एसडीआरएफ की स्थायी पोस्ट खोली जाएगी।
– मानसून में राहत एवं बचाव कार्याें हेतु धारचूला में एसडीआरएफ की पोस्ट खोली जाएगी।