देहरादून। दून विश्वविद्यालय में गुरुवार को ‘सिलक्यारा विजय अभियान’ के पहले वर्षगाँठ का कार्यक्रम और 19वाँ राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मेलन- 2024 का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से नि) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया। इस दौरान राज्यपाल और सीएम ने सिल्क्यारा विजय अभियान पुस्तक समेत अन्य पुस्तकों का विमोचन किया। इसके साथ ही सिल्क्यारा रेस्क्यू अभियान पर बनी शॉर्ट फिल्म का भी अवलोकन किया।
वही, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले साल सिलक्यारा के सफल बचाव अभियान ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और सहयोग से 17 दिनों के अथक प्रयासों से सिलक्यारा टनल में फंसे हुए 41 श्रमिकों को सुरक्षित बचाया गया था। सीएम ने कहा कि उस दौरान पूरा विश्व और देश के लोग सिल्क्यारा के सफल ऑपरेशन के लिए दुआएं कर रहे थे। जो अभियान सामूहिक समर्पण और तकनीकी दक्षता की अनुपम मिसाल बना है। जिसे अब आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अध्ययन और शोध का विषय भी माना जा रहा है। उन्होंने सिल्क्यारा के सफल रेस्क्यू के एक साल होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मेलन बीते 19 वर्षों से प्रदेश में विज्ञान एवं नवाचार को प्रोत्साहित करने के साथ ही युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ये सम्मेलन शोध पत्रों के प्रस्तुतीकरण, सामाजिक महत्व के शोध, नवाचार और नीतिनिर्धारण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चिंतन का भी मंच है। हर साल सम्मेलन में राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होती है, पिछले तीन सालों में सरकार ने ग्रामीण विज्ञान, भारतीय ज्ञान-विज्ञान परंपरा और आपदा प्रबंधन जैसे तमाम विषयों पर नवाचार और शोध को प्रोत्साहित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल सम्मेलन में उत्तराखंड में जल एवं प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा होगी, जो जलवायु परिवर्तन और बढ़ती हुए जनसंख्या को देखते हुए काफी जरूरी है। उत्तराखंड राज्य जल संपदा को संजोए हुए है। ऐसे में इस सम्मेलन में राज्य और देशभर से आए वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं को जल स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी गहन मंथन करना होगा।
विज्ञान के क्षेत्र में भारत दशकों से लगातार नए कीर्तिमान स्थापित करता रहा है। कोरोना वैक्सीन से ब्रह्माण्ड के अबूझ रहस्यों तक, हम भारतीय विज्ञान को नए स्तर पर ले जाने का काम लगातार कर रहा हैं। भारत ने समय समय पर अपनी वैज्ञानिक और बौद्धिक संपदा को सिद्ध करके दिखाया है। भारत के महान खगोलशास्त्री आर्यभट्ट, आचार्य कणाद, आचार्य नागार्जुन, महर्षि सुश्रुत जैसे अनेक लोग, भारत के वो वैज्ञानिक स्तंभ हैं, जिनके सिद्धांतों पर आज का आधुनिक विज्ञान स्थापित है। दुनिया को ज्ञान, विज्ञान और शिक्षा देने का काम भारत ने किया है।
सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अनेकों कार्य हुए हैं। आज भारत में गुड गवर्नेंस के लिए विज्ञान और तकनीकी का व्यापक उपयोग हो रहा है। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से हम उत्तराखंड में भी नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहे हैं। देहरादून में देश की पांचवीं साइंस सिटी का निर्माण तेज़ी से हो रहा है। प्रदेश के प्रत्येक जनपद में साइंस और इनोवेशन सेंटर, लैब्स ऑन व्हील्स, और STEM लैब्स के माध्यम से विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है।
विकसित भारत की परिकल्पना में महिलाओं की अहम भूमिका है। मुख्यमंत्री ने सभी विश्वविद्यालयों और संस्थाओं से बालिकाओं को साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ने हेतु विशेष प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा सरकार, राज्य की भौगोलिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए पर्यटन, कृषि और पर्यावरण के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग सुनिश्चित कर रही है। हमारा प्रयास है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से आम लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाया जाए। उन्होंने कहा इस सम्मलेन के सभी सत्रों में मिले सुझावों को प्रदेश सरकार अमल में लाकर प्रदेश के समग्र विकास को गति प्रदान करेगी।