प्रदेश के चर्चित सिडकुल घोटाले में शामिल अधिकारियों के नाम जल्द आम हो सकते हैं। घोटाले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल यानी एसआईटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है। सूत्रो के मुताबिक जल्द ही एसआईटी की ओर से रिपोर्ट प्रदेश शासन को सौंपी जाएगी। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई पूरी होगी। सिडकुल में 500 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का खुलासा हुआ था, जिसके बाद तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने गढ़वाल रेंज के डीआईजी केएस नगन्याल के नेतृत्व में एसआईटी गठित की थी।
एसआईटी ने जांच रिपोर्ट के लिए बनाई गई 224 फाइलों की रिपोर्ट बीते छह साल में पूरी की है, इसे कांवड़ यात्रा के बाद शासन को भेजी जाएगा। इस दौरान जांच रिपोर्ट शासन स्तर पर जाने के बाद केस में दोषी अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू होगी। उल्लेखनीय है कि 2012 से 2017 के बीच सिडकुल की ओर से उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में निर्माण कार्य कराए गए थे। इनमें नियमों के उलट यूपी राजकीय निर्माण निगम को ठेके दिये गए थे। इन्हीं निर्माण कार्यों के ऑडिट में काफी अनियमितता सामने आई थी। इसे लेकर सरकारी धन का गलत इस्तेमाल करने से लेकर करीब 500 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया।
यही नहीं, सिडकुल में वेतन निर्धारण और भर्ती से जुड़े मामले में भी कई तरह की अनियमितता पाई गई। इसमें सिडकुल के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। वहीं घोटाले की बात सामने आने के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी। फिलहाल एसआईटी के अधिकारियों की डयूटी हरिद्वार कांवड़ मेले में लगी हुई है। ऐसे में कांवड़ यात्रा के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। इसके बाद नियमानुसार दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की प्रक्रिया शुरू होगी।