मत्स्य पालन में उत्तराखंड को “बैस्ट हिमालयन एंड नाॅर्थ ईस्टर्न स्टेट” में सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में किया गया चयनित।

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उत्तराखंड राज्य सरकार प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में मत्स्य पालन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना चलाई जा रही है जिसके तहत मत्स्य पालकों को सब्सिडी के साथ तमाम सुविधाएं दी जा रही हैं। जिसके चलते मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड को राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, हैदराबाद की ओर से 21 नवंबर को पुरस्कृत किया जाएगा। उत्तराखंड को हिमायली और उत्तर पूर्व के राज्यों (बैस्ट हिमालयन एंड नाॅर्थ ईस्टर्न स्टेट) की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में चयनित किया गया है।

दरअसल, उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते आर्थिकी के सीमित संसाधन है ऐसे में उत्तराखंड सरकार मत्स्य पालन को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। प्रदेश में बीते साल करीब 9000 मैट्रिक टन मछली का उत्पादन हुआ था। इसके साथ ही करीब 950 मैट्रिक टन ट्राउट फिश का उत्पादन हुआ था। ऐसे में सरकार मत्स्य संपदा योजना के तहत ट्राउट फिश को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है क्योंकि ये फिश न सिर्फ काफी महंगी बिकती है बल्कि इसकी डिमांड भी काफी अधिक है। ऐसे में सरकार सब्सिडी के जरिए प्रदेश के किसानों को ट्राउट फिश उत्पादन के साथ जोड़ना चाहती है।

ऐसे में 21 नवंबर को यानी विश्व मत्स्य दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड राज्य को मत्स्यपालन क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। दिल्ली में आयाजित होने वाले कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन, डेयरी, पंचायतीराज राज्यमंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह की ओर से उत्तराखंड को सम्मानित किया जाएगा। वही, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुरस्कार के लिए विभाग और मत्स्य पालकों को बधाई देते हुए कहा कि, सरकार पशुपालकों के कल्याण के लिए हर तरह से सहायता दे रही है। साथ ही प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों के मत्स्य पालकों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

वही, मत्स्य पालन मंत्री सौरव बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखंड सरकार प्रदेश में मत्स्य पालकों को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। 15 अगस्त के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में 200 करोड़ रुपए के योजना की सौगात दी थी। ऐसे में मत्स्य पालन विभाग की ओर से ट्राउट फिश की ब्रांडिंग मार्केटिंग और स्टोरेज समेत ट्राउट फार्मिंग को बढ़ाने के लिए काम कर रही है। प्रदेश के खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में ट्राउट फार्मिंग, एक पॉजिटिव चेंज ला रही है।