उत्तराखंड राज्य में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते प्रदेश के तमाम हिस्सों में आपदा जैसी स्थिति हुई है। अगस्त महीने में उत्तरकाशी चमोली और पौड़ी जिले में प्राकृतिक आपदा की वजह से काफी अधिक नुकसान हुआ है साथ ही प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में जल भराव की स्थिति भी देखी जा रही है। ऐसे में उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रदेश में हुए नुकसान का आंकलन किया है जिसके तहत प्रदेश के तमाम विभागों को इस प्राकृतिक आपदा की वजह से 1941.15 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार से 5702.15 करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की मांग की है। इस संबंध में आपदा प्रबंधन सचिव ने गृह मंत्रालय को ज्ञापन सौंपा है।
आपदा प्रबंधन विभाग ने इस साल मानसून के दौरान विभागों को हुए नुकसान की प्रतिपूर्ति और भविष्य में अवस्थापना संरचनाओं को संभावित नुकसान से बचाने के लिए भारत सरकार से 5702.15 करोड़ रुपये की विशेष सहायता की मांग की है। इस संबंध में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने अपर सचिव, आपदा प्रबंधन प्रभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार को मेमोरेंडम सौंपा है। ताकि प्राकृतिक आपदा की वजह से प्रदेश के तमाम विभागों के नुकसान की भरपाई करने के साथ ही भविष्य में होने वाले नुकसान से बचने के लिए बेहतर काम किए जा सके।
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि इस साल प्राकृतिक आपदा से लोक निर्माण विभाग और सार्वजनिक सड़कों को 1163.84 करोड़, सिंचाई विभाग की परिसम्पत्तियों को लगभग 266.65 करोड़, ऊर्जा विभाग को 123.17 करोड़, स्वास्थ्य विभाग की परिसम्पत्तियों को 4.57 करोड़, विद्यालयी शिक्षा विभाग की परिसम्पत्तियों को 68.28 करोड़, उच्च शिक्षा विभाग की परिसम्पत्तियों को 9.04 करोड़, मत्स्य विभाग को 2.55 करोड़, ग्राम्य विकास विभाग को 65.50 करोड़, शहरी विकास को 04 करोड़, पशुपालन विभाग को 23.06 करोड़ समेत अन्य विभागीय परिसम्पत्तियों को 213.46 करोड़ का नुकसान हुआ है। यानि सभी राजकीय विभागों को करीब 1944.15 करोड़ की सीधे तौर पर क्षति हुई है।
इन परिसम्पत्तियों के पुनर्निर्माण और पुनर्प्राप्ति में 1944.15 करोड़ के साथ-साथ परिसम्पत्तियों को बचाने और अनेक ऐसी परिसम्पत्तियां, मार्ग, आबादी वाले क्षेत्र के साथ ही अन्य अवस्थापना संरचानाओं को जो आपदा से क्षतिग्रस्त होने की कगार पर हैं, उन सभी को बेहतर करने के लिए 3758.00 करोड़ की सहायता प्रदान किए जाने का अनुरोध किया गया है। इस तरह साल 2025 में हुई आपदा से क्षति के लिये उत्तराखण्ड राज्य ने कुल 5702.15 करोड़ की धनराशि की मांग की है, ताकि इस धनराशि से आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों की मरम्मत/पुनर्प्राप्ति/पुनर्निर्माण कराया जा सके।
साथ ही आपदा से क्षतिग्रस्त होने वाली अवस्थापना संरचनाओं/सार्वजनिक परिसम्पत्तियों/ मार्गों/आबादी वाले क्षेत्रों की सुरक्षा आदि के काम कराया जा सके। उत्तराखण्ड को आपदा के प्रभाव को न्यूनतम रखा जा सके साथ ही बहुत बड़ी क्षति से बचा जा सके। सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से अभी तक 79 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, 115 लोग घायल और 90 लोग लापता हैं। कुल 3953 छोटे एवं बड़े पशुओं की मृत्यु हुई है। 238 पक्के भवन ध्वस्त हुए हैं, 02 कच्चे भवन ध्वस्त हुए हैं, 2835 पक्के भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं और 402 कच्चे भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।