प्रदेश में खेल और युवा कल्याण विभाग के एकीकरण पर सरकार ने यूटर्न ले लिया है। प्रस्ताव को कैबिनेट में सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी थी, लेकिन विभागीय मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि दोनों विभागों का एकीकरण कर्मचारी एवं राज्यहित में नहीं है। इससे राज्य सरकार को किसी तरह का कोई फायदा नहीं होगा। प्रदेश में खेल और युवा कल्याण विभाग के एकीकरण की पिछले काफी समय से कवायद हो रही थी। इसके पीछे बताया गया कि दोनों विभाग एक प्रकृति के हैं।
युवा कल्याण विभाग की ओर से जहां खेल महोत्सव एवं ग्रामीण स्तर पर खेलों का आयोजन किया जाता है। वहीं खेल विभाग अपने स्तर पर इन्हें आयोजित करता है। हर साल खेल महोत्सव का आयोजन करने वाले युवा कल्याण विभाग के पास खेल प्रशिक्षक एवं पर्याप्त खेल मैदान भी नहीं हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक विभागों के एकीकरण के इस प्रस्ताव को कैबिनेट की सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है, लेकिन खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्य का स्पष्ट कहना है कि इन विभागों का एकीकरण नहीं किया जाएगा।
सरकार की ओर से इस प्रस्ताव को रद्द किया जाएगा। खेल और युवा कल्याण विभाग दोनों अलग-अलग विभाग हैं जो पूर्ववत रहेंगे। विभागों के एकीकरण के पीछे युवा कल्याण विभाग के कुछ अधिकारियों को पदोन्नति का लाभ दिए जाने की तैयारी थी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि खेल विभाग में उच्च स्तर पर कुछ अधिकारियों के पद खाली चल रहे थे। पूर्व में विभागों के ही एकीकरण से इन पदों पर युवा कल्याण विभाग के अधिकारियों को पदोन्नति देकर बैठाए जाने की तैयारी थी।