उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों और मैदानी इलाकों में जंगली जानवरों की दहशत जैसे विरासत में मिली है यानी आए दिन लकड़ियां और घास के लिए जंगलों का रुख करने वाली महिलाओं और बच्चों को खासकर भालू और बाघ जैसे खतरनाक जँगली जानवरों द्वारा जानलेवा हमला बोल दिया जाता है। और देखते ही देखते जंगली जानवर आदमखोर हो रहे हैं। जंगली जानवरों की गतिविधियों के नजारे कई बार कैमरे में भी कैद हो जाते हैं। ऐसा ताज़ा मामला उत्तराखंड के उधमसिंहनगर नामक सीमांत जिले में स्थित खटीमा क्षेत्र का है।
जहां ड्रोन कैमरे में एक बाघ रिहायशी बस्ती के बेहद करीब स्थित जंगलों में चहल कदमी करता हुआ कैद हो गया। अब कैमरे में कैद हुए इस बाघ को ट्रैकुलाईज करने के लिए उच्चाधिकारियों से अनुमति के लिए कार्यवाही तो जारी है। मगर इस दौरान बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिरकार अनिवार्य अनुमति में लगने वाले वक्त के दौरान यदि बाघ आदमखोर होकर किसी इंसान की जान ले बैठता है तो इसकी जवाबदेही आखिरकार किसकी होगी।