उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद भ्रष्ट अधिकारी ट्रांसफर रुकवाने और पहाड़ पर ना जाने के नाम पर कुछ भी कर गुजरने को हमेशा तैयार रहते है, शायद यही कारण है की प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्राधिकरणों के ट्रांसफर सूची पर अपनी मुहर लगाकर जो आदेश 18 जुलाई को स्थानांतरण के लिए जारी किए थे। उसको भी मंत्री के ओर से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है या फिर यह कहे की ट्रांसफर सूची को अनदेखा किया जा रहा है।
कई अधिकारियो के कार्यमुक्त होने के बावजूद भी नयी नियुक्त वाली जगह पर इतने दिन बाद भी कार्य भार ग्रहण ना करने का सीधा सीधा अर्थ है कोई बड़ा खेल परदे के पीछे खेला जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएम धामी आदेश को रद्दी की टोकरी समझते है और अक्सर देखा जाता है कि अधिकारी पहाड़ों में जाने से बचते नजर आते है।
इससे ही बचने के लिए अधिकारी मनचाहा काम करने को तैयार हो जाते है। सूत्रों से ऐसी ही जानकारी मिल रही है कि स्थानांतरण हुए अधिकारी अपना ट्रांसफर रुकवाने के लिए सेटिंग गेटिंग की डील कर चुके है। देखते है की प्रदेश के मुखिया का आदेश आखिर कब तक अनदेखा किया जाएगा।