टिहरी के भिलंगना ब्लॉक के सुनारगांव तथा कैमरिया सौंण गांवों को मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जाएगा।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में आज प्रवासी उत्तराखण्ड प्रकोष्ठ की पहल के तहत प्रवासी उत्तराखण्डवासियों द्वारा अपने गांव गोद लेने की योजना की समीक्षा की। आज की बैठक में चीन में निवासरत प्रवासी उत्तराखण्डी देव रतूड़ी (चीन में अभिनेता व होटल व्यवसायी) द्वारा जनपद टिहरी के भिलंगना ब्लॉक के सुनारगांव तथा कैमरिया सौंण गांव को गोद लेने पर सहमति दी गई है। विदित है कि गत 05 मार्च को मा0 मुख्यमंत्री द्वारा 16 देशों में निवासरत प्रवासी उत्तराखण्डवासियों के साथ वर्चुअल सेमिनार के माध्यम से राज्य के विकास में प्रवासियों के योगदान पर विस्तृत चर्चा की गई थी।
इस सेमिनार में मुख्यमंत्री ने सम्पन्न प्रवासी उत्तराखण्डवासियों से उत्तराखण्ड के दुर्गम क्षेत्रों के गांवों को गोद लेकर उनके विकास में योगदान देने का आह्वाहन किया गया था। इसी क्रम में सबसे पहले चीन में रहने वाले लोकप्रिय होटल व्यवसायी व अभिनेता देव रतूड़ी ने टिहरी में अपने पैतृक गांव कैमरिया सौंण एवं सुनारगांव को गोद लेने पर सहमति दी है। देव रतूड़ी ने इन गांवों के शिक्षा से वंचित बच्चों की शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता एवं बेराजगार युवाओं को चीन में हॉस्पिटेलिटी से सम्बन्धित रोजगार के अवसर देने की इच्छा व्यक्त की है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारी टिहरी को गांव कैमरिया सौंण एवं सुनारगांव को मॉडल गांव के ग्राम के रूप में विकसित करने के लिए बनाई गई कार्ययोजना पर देव रतूड़ी के साथ मिलकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने उत्तराखण्डी प्रवासियों द्वारा गोद लिए जाने वाले गांवों में सरकारी योजनाओं तथा व्यक्तिगत प्रयासों के प्रभावी समन्वय पर विशेष जोर दिया है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि इन गांवों में निर्माण कार्यो के अपेक्षा आर्थिक विकास, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण, होम स्टे, ऑगेनिक फार्मिंग, स्थानीय उत्पादों एवं मिलेट्स की खेती पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
टिहरी के कैमरिया सौंण एवं सुनारगांव को मॉडल ग्राम के रूप में विकसित करने के सम्बन्ध में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारी को इन गांवों को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने इन गांवों में शत् प्रतिशत सोलर पैनल कवरेज करने, होम स्टे विकसित करने, शत् प्रतिशत साक्षरता हेतु कैम्पेन चलाकर बुर्जगों को भी शिक्षित करने, गांव की खाली जमीन पर मंडुआ, झंगौरा जैसे स्थानीय मिलेट्स की खेती करने, गांवों की सामूहिक संवाद की परम्परा को प्रोत्साहित करने हेतु पंचायत घर में समय-समय पर सामूहिक भोज आयोजित करने तथा गांव में ही आजीविका के अवसर बनाकर पलायन रोकने के लिए कार्य करने के निर्देश दिए हैं।