प्रदेश में बढ़ते वन्यजीव संघर्ष पर सीएम ने जताई चिंता, अब घायलों का पूरा खर्च वहन करेगी सरकार। 

उत्तराखंड शासन उत्तराखण्ड

उत्तराखंड राज्य में इन दोनों भालू का आतंक देखा जा रहा है जिसके चलते शासन प्रशासन की नींद उड़ी हुई है। पिछले कुछ महीनो में ही पर्वतीय क्षेत्रों में भालू के हमले के मामले काफी अधिक देखे गए हैं। जिसके चलते वन विभाग लगातार लोगों से सावधानियां बरतने की अपील कर रहा है। प्रदेश भर में चर्चाओं का विषय बना भालू के आतंक को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव वन के साथ बैठक की। बैठक के दौरान सीएम ने निर्देश दिए कि भालू या फिर अन्य वन्य जीवों के हमले में घायल व्यक्तियों के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।

बेटा के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में बढ़ रहे वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर चिंता व्यक्त व्यक्त करते हुए अधिकारियों को तमाम जरूरी दिशा निर्देश दे। साथ ही मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और वन विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिए कि भालुओं या अन्य वन्यजीवों के हमलों में घायल व्यक्तियों के उपचार का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। साथ ही सीएम ने कहा कि हर घायल को समय पर और बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि उपचार में किसी भी प्रकार की देरी न हो और आवश्यक संसाधन तत्काल उपलब्ध कराए जाएँ।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि घायलों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के साथ-साथ प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा एवं जागरूकता उपायों को भी बेहतर किया जाए। हालांकि, उत्तराखंड राज्य सरकार पहले ही राज्य में वन्य जीव हमले में मृतकों के परिजनों को दी जाने वाली 5 लाख की मुआवजा राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर चुकी है। उत्तराखंड में पिछले 5 सालों में अब तक भालू ने 14 लोगों की जान ली है जबकि 438 लोगों को घायल किया है।

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार बढ़ रहे भालू के हम लोग के चलते स्थानीय ग्रामीण वन विभाग के खिलाफ अपनी नाराजगी जाता रहे हैं। चिंता की बात यह है कि वर्तमान समय में भूलों के हमले ऐसे क्षेत्रों में हो रहे हैं जहां पहले ऐसी घटनाएं नहीं होती थी यही वजह है कि वन विभाग भालू के लगातार बढ़ रहे आतंक के बीच लोगों को तमाम सावधानियां बरतने की बात कह रही है। वन विभाग के अनुसार भालू के लिए भोजन की कमी के साथ ही कुछ विशेष फसल में आई कमी की वजह से भालू को प्रयाप्त खाना नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते भालू आबादी की तरफ बढ़ रहे हैं।