पुलिस जांच में अंकित को मिली क्लीन चिट, फिर भी मेंटली टॉर्चर और बदनाम कर है कुछ षडयंत्रकारी।

उत्तराखंड पुलिस उत्तराखंड शासन उत्तराखण्ड क्राइम

देहरादून। उत्तराखंड राज्य में किसी व्यक्ति या कंपनी को बदनाम करने की कोशिश कर पैसे ऐंठने का मामला अक्सर सामने आते रहे हैं। ऐसा ही कुछ मामला इन दोनों उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में चर्चाओं का विषय बना हुआ है। दरअसल, उत्तरकाशी के रहने वाले अंकित रावत जो पिछले लंबे समय से देहरादून में ADR trading कंपनी को संचालित कर रहे हैं। अंकित रावत को कई बार बेहतर काम करने के लिए अचीवर्स अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। बावजूद इसके कुछ षडयंत्रकारी लोग मिलकर अंकित रावत और उनकी कंपनी एडीआर ट्रेडिंग को बदनाम करने की कवायत में जुटे हुए हैं। जिससे परेशान होकर अंकित रावत ने कोर्ट में इन षड्यंत्रकारियों के खिलाफ मानहानि की याचिका दायर की है।

दरअसल, उत्तरकाशी जिले के रहने वाले अंकित रावत लंबे समय से देहरादून में एडीआर ट्रेडिंग कंपनी का संचालन कर रहे हैं। ऐसे में उनके एक रिश्तेदार राकेश चंद्र बहुगुणा ने एक मोमोज का प्लांट लगाने को लेकर अंकित रावत से संपर्क किया। इस प्लांट में मशीनरी सहित लगभग 10 करोड़ रुपए का खर्च आना था जिसके चलते उनके रिश्तेदार ने उन्हें लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए दिए ताकि प्लांट का काम शुरू किया जा सके। पैसा मिलने के साथ ही अंकित प्लांट लगाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर दिया, लेकिन एक लंबा समय बीत जाने के बाद भी बचा हुआ पेमेंट रिश्तेदार की ओर से नहीं की गई। जिसके चलते बिजनेसमैन अंकित को भी काफी अधिक नुकसान उठाना पड़ा। क्योंकि जिस कंपनी से मोमोज फैक्ट्री की मशीन लानी थी उसके साथ एग्रीमेंट साइन हुआ था और उसमें तय समय पर पैसा देकर मशीन उठाने की बात कही गई थी। लेकिन ऐसा ना हो पाने के चलते एडवांस जमा पैसा लेप्स हो गया।

वही, मीडिया से बातचीत करते हुए अंकित रावत ने कहा कि पुलिस जांच में उन्हें निर्दोष पाया गया है बावजूद इसके कुछ लोग मिलकर उनको और उनकी फैमिली को बदनाम कर रहे हैं साथ ही पैसे की डिमांड भी कर रहे हैं। यही नहीं, अंकित रावत ने कहा कि ओएनजीसी में तैनात एक सरकारी अधिकारी प्रदीप नैनवान भी उनके रिश्तेदार राकेश बहुगुणा के साथ मिला हुआ है और वो भी लगातार उन्हें मैसेज कर मेंटली टॉर्चर कर रहा है। साथ ही कहा कि सरकारी कर्मचारी प्रदीप नैनवाल, लगातार उन्हें अलग-अलग जगहों पर खड़ा होकर अपनी फोटो भेज रहा है और धमकी दे रहा है कि अगर पैसे नहीं दिए, तो तुम्हे उठवा लूंगा। जिस वजह से वो खुद मीडिया से बातचीत करने आए हैं ताकि उनकी बात लोगों तक पहुंच सके। अंकित ने कहा कि उन्हें लंबे समय से कभी फोन करके कभी मैसेज करके परेशान किया जा रहा है। इस पूरे मामले में उनकी पत्नी और उनके परिजनों का कोई रोल नहीं है बावजूद इसके कुछ समय पहले राकेश की ओर से की गई प्रेसवार्ता के दौरान उनकी पत्नी और परिजनों पर सवाल उठाए गए हैं?

इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए अंकित रावत ने बताया कि साल 2023 में राकेश चंद्र बहुगुणा उनके पास एक मोमोज की फैक्ट्री लगवाने के लिए आए थे। जिस दौरान करीब 10 करोड़ रुपए के मशीन का ऑर्डर दिया गया था। इस संबंध में उनका और राकेश चंद्र बहुगुणा के बीच एग्रीमेंट भी साइन हुआ था। एग्रीमेंट में यह स्पष्ट रूप से लिखा गया था कि शुरुआती दौर में 35 फीसदी पैसा एडवांस देना होगा, फिर 25 फीसदी पैसा देना होगा और इसके बाद 8 महीने के भीतर फैक्ट्री के लिए मशीनों को लेना होगा। 8 महीना पूरा होने के बाद 3 महीने का ग्रेस पीरियड दिया जाएगा। अगर इस दौरान मशीन खरीद ली जाती हैं तो ठीक, नहीं तो पैसा फोरफिट हो जाएंगे। अंकित ने कहा कि उन्होंने कंपनी को 3 करोड़ 70 लाख रुपए दे रखे है, जिसका पूरा रिकॉर्ड उनके पास है। इसके अलावा, मशीन को इंस्टॉल करने के लिए फैक्ट्री के कंस्ट्रक्शन में इनका एक से सवा करोड़ रुपए का खर्चा आया है।

जबकि रिश्तेदार राकेश चंद्र बहुगुणा की ओर से अंकित को सिर्फ साढ़े चार करोड़ रुपए ही भेजे गए। और यह लोग यही आरोप लगा रहे हैं की फैक्ट्री बनाने के लिए उन्होंने अंकित को पैसे दिए थे जबकि इन्होंने वह पैसा आगे कंपनी को दे दिया था। अंकित ने बताया कि मोमो फैक्ट्री के लिए कंस्ट्रक्शन का काम इन्होंने पूरा कर दिया था और वह बिल्डिंग अभी भी बनी हुई है। लेकिन राकेश चंद्र बहुगुणा की ओर से मशीनों को एग्रीमेंट में दिए गए समय के भीतर नहीं मंगवाया गया। जिसे चलते कंपनी में भेजा गया पैसा फोरफिट हो गया। इसके बाद से ही राकेश चंद्र बहुगुणा, अंकित रावत को गलत मान रहे हैं और उन पर ठगी का आरोप लगा रहे हैं।

यही नहीं, सबसे पहले राकेश चंद्र बहुगुणा की ओर से अंकित रावत के खिलाफ फाइनेंशियल फ्रॉड विंग में शिकायत दी गई। जहां पर पूरे मामले की जांच हुई और अंकित रावत के बैंक खाते की भी जांच की गई जिसमें कोई भी ठगी का मामला सामने न आने के चलते अंकित रावत को क्लीन चिट दे दिया गया। लेकिन षड्यंत्रकारी राकेश चंद्र बहुगुणा यही नहीं रुके। बल्कि 18 जुलाई 2025 को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात कर पुलिस जांच के लिए एक पत्र जारी करवाया। और लगभग एक महीने बाद पुलिस की जांच पूरी हो गई और उसे जांच में भी अंकित रावत को क्लीन चिट दे दिया गया। बावजूद इसके राकेश चंद्र बहुगुणा, कुछ लोगों के साथ मिलकर उनको और उनके परिवार को बदनाम करने के साथ ही मेंटली टॉर्चर कर पैसा ऐंठना चाहते है।