वन दरोगा भर्ती घोटाले में नौ लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज

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पिछले साल हुई वन दारोगा भर्ती परीक्षा में धांधली के मामले में रायपुर पुलिस ने नौ आरोपियों को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि परीक्षा कराने वाली कंपनी और परीक्षा केंद्र संचालक ने भी गड़बड़ी की है। शिकायतकर्ता उपनिरीक्षक राजेश ध्यानी ने शिकायत में बताया कि 16 से 25 जुलाई 2021 के बीच वन दारोगा के 316 रिक्त पदों पर चयन के लिए आयोजित ऑनलाइन परीक्षा के संबंध में आयोग द्वारा आंतरिक आकलन में उच्च श्रेष्ठता हासिल करने वाले आठ अभ्यार्थियों के अंक अन्य अभ्यर्थियों की तुलना में असामन्य होने पर इन परीक्षार्थियों द्वारा अनुचित संसाधनों का इस्तेमाल कर लाभ लिये जाने के आरोप लगाए गए।

जांच के दौरान उन्होंने आयोग से हासिल किए दस्तावेजों का अवलोकन किया। दस्तावेजों के अवलोकन से पाया कि वन दरोगा के 316 रिक्त पदों पर चयन के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा सर्विस प्रोवाइडर के जरिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करवाई गई। परीक्षा 18 पालियों में उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों के परीक्षा केंद्रों पर आयोजित करवाई गई। परीक्षा के बाद आयोग ने अभ्यर्थियों के परीक्षा परिणाम के प्राप्तांक का आंतरिक आकलन कर अपने स्तर से जांच कर प्रथमदृष्टया आठ परीक्षार्थी संदिग्ध पाते हुए जांच एसटीएफ को भेजी।

आठ अभ्यर्थियों की डिटेल से अभ्यर्थियों की कैंडिडेट आईडी, एग्जाम डेट, अनुक्रमांक, आवंटित आईपी, परीक्षा तिथि, परीक्षा समय, परीक्षा केन्द्र, आन्सवर पैटर्न और व्यवहार आदि का अध्ययन करने से स्पष्ट है कि आठ अभ्यर्थियों में से छह अभ्यर्थी स्वामी दर्शनानंद इंस्टीट्यूट ऑफ मेनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी परीक्षा केंद्र से है। इनमें से चार अभ्यर्थियों को विभिन्न तिथियों पर एक ही आईपी एड्रेस दिया गया और अभ्यर्थियों की एबनोर्मल एक्टीविटी है। शेष एक अभ्यर्थी अल्मोड़ा स्थित नंदा देवी इन्फोटेक सोल्यूशन और एक अभ्यर्थी नैनीताल स्थित राधाकृष्ण एसेसमेट सेंटर-एक परीक्षा केंद्र से है।

इस रिपोर्ट के संबंध में आयोग से व पूर्व सचिव संतोष बडोनी व परीक्षा संचालित कराने वाली कंपनी के प्रतिनिधियों से पूछताछ कर जानकारी की गयी तो पूछताछ में ऑनलाइन परीक्षा के परीक्षा केंद्र व परीक्षा केंद्र पर सीट आवंटन का कार्य परीक्षा संचालित करने वाली कंपनी ने बताया गया कि परीक्षा केंद्र पर आयोग का पर्यवेक्षक, कंपनी के कर्मचारी टेक्निकल सपोर्ट के लिए तैनात रहते हैं। कक्ष निरीक्षक की तैनाती परीक्षा केंद्र संचालक द्वारा की जाती है। ऑनलाइन परीक्षा के दौरान कक्ष में प्रवेश के समय अभ्यार्थी की पहचान सुनिश्चित करने के बाद प्रवेश के समय ही अभ्यर्थी को सीट आवंटित होती है।

सभी आवश्यक सावधानियों के बावजूद परीक्षा सेंटर पर विभिन्न तिथियों पर एक ही आईपी से परीक्षार्थियों अनुज कुमार निवासी टोडा कल्याणपुर रुड़की, दीक्षित कुमार निवासी जमालपुर खुर्द हरिद्वार, मौहम्मद जिशान नगलाखुर्द हरिद्वार और मोहम्मद मजीद निवासी जोरासी मस्त लंढौरा रुड़की ने और दूसरे आईपी एड्रेस से परीक्षार्थी सचिन कुमार निवासी तेलीवाला शिवदासपुर हरिद्वार और शेखर कुमार निवासी पोडोंवाली रायसी लक्सर हरिद्वार ने उत्तर क्लिक करते समय एक समान एग्जामीनेशन लॉग, आन्सवर पैटर्न और व्यवहार किया है। इसके अलावा रविंद्र निवासी हरिद्वार, प्रशांत कुमार निवासी खानपुर हरिद्वार और अश्वनी कुमार निवासी मंगलौर हरिद्वार की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई। जांच से यह तथ्य प्रकाश में आया है कि आरोपितों ने नकल से पास करवाने की एवज में कई परीक्षार्थियों से ‘अनुचित रूप से लाखों रुपये लिये हैं।

इसके अलावा भर्ती परीक्षा के दौरान जनपद हरिद्वार स्थित अविरथ एजूकेशन सोसायटी शिवालिक नगर परीक्षा केंद्र पर नकल किये जाने के तथ्य भी प्रकाश में आए। जांच से स्पष्ट है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित वन दारोगा भर्ती परीक्षा 2021 में आरोपितों ने अन्य के साथ सुनियोजित षडयंत्र के तहत कम्प्यूटर संसाधनों में छेड़खानी व अन्य अनुचित साधनों का प्रयोग कर प्रश्नपत्र हासिल कर परीक्षार्थियों से नकल करवाकर सदोष आर्थिक लाभ लिया है। परीक्षा संचालित करने वाली कंपनी व परीक्षा केंद्र संचालकों की गतिविधि भी संदिग्ध है। शिकायत पर रायपुर पुलिस ने सभी आरोपितों को नामजद करते हुए संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।

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