सीएम ने देहरादून के ऐतिहासिक घण्टाघर के भव्य रूपांतरण का किया लोकार्पण।

उत्तराखंड शासन उत्तराखण्ड पर्यटन

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के दिल का धड़कन कहे जाने वाली घंटाघर की तस्वीर बदल गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देहरादून के केंद्र बिंदु माने जाने वाले ऐतिहासिक घण्टाघर के सौंदर्यीकरण, भव्य रूपांतरण और स्वचालित प्रकाश व्यवस्था का शुभारंभ किया। इसके साथ ही सीएम ने घण्टाघर क्षेत्र में महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए निर्मित 4 अत्याधुनिक हिलांस-कम-किचन आउटलेट्स का भी शुभारंभ किया। इसके साथ ही तमाम बच्चों को स्कूल बैग और पुस्तक भी वितरित किया।

रूपांतरित घंटाघर शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि घण्टाघर देहरादून की पहचान है। इसका यह नया और आकर्षक स्वरूप न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि स्थानीय नागरिकों को भी गर्व की अनुभूति कराएगा। स्वचालित प्रकाश व्यवस्था से यह स्थल रात में भी जगमगता और शहर की नाइटलाइफ में भी नया रंग भरने का काम करेगा। सीएम ने कहा कि करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से इस ऐतिहासिक धरोहर का पुनर्निर्माण कर इसे एक भव्य और आधुनिक स्वरूप दिया किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ण विश्वास है कि इस धरोहर का नया स्वरूप न केवल देहरादून की शोभा बढ़ाएगा, बल्कि ये हमारी शीतकालीन राजधानी में आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी होगा। साथ ही कहा कि देहरादून में चार स्थानों पर हिलांस कैंटीनों का लोकार्पण भी किया गया है। ये कैंटीन कलेक्ट्रेट, कोरोनेशन अस्पताल, गुच्चुपानी और आईएसबीटी में स्थापित की गई हैं। ये कैंटीनें न केवल आम लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराएँगी, बल्कि हमारे स्वयं सहायता समूहों की बहनों को स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी सशक्त बनाएँगी।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देहरादून में बाल भिक्षावृत्ति निवारण के लिए भी एक तमाम प्रयास किया जा रहा है, जिसके जरिए बालक-बालिकाओं को भिक्षा की विवशता से निकालकर शिक्षा के अधिकार से जोड़ा जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत 3 रेस्क्यू वाहनों के साथ अंतरविभागीय टीम गठित की गई है। होमगार्ड, चाइल्ड हेल्पलाइन, शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, पुलिस विभाग और कई गैर-सरकारी संस्थाओं को इस टीम में शामिल किया गया है। इस टीम ने पहले चरण में 51 बच्चों को रेस्क्यू कराकर तमाम स्कूलों में डाला जा चुका है। दूसरे चरण में 31 बच्चों को राजकीय प्राथमिक विद्यालय परेड ग्राउंड और साधूराम इंटर कॉलेज में दाखिला दिलाया गया है।

सीएम ने कहा कि रेस्क्यू किए बच्चों के लिए डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की लागत से साधूराम इंटर कॉलेज में इंटेसिव केयर सेंटर का निर्माण भी करा रहे हैं। सरकार अपने इस प्रयास को तब तक जारी रखेंगे, जब तक हमारे राज्य का हर बच्चा स्कूल नहीं जाने लगता।