अल्मोड़ा में 1865 से चली आ रही परम्परा में रावण के पुतले का दहन दशहरे के दिन किया जाता है। लेकिन इस बार विवाद के चलते रावण के पुतले का दहन नही किया गया। जोकि अल्मोड़ा के इतिहास में पहली बार हुआ है। दरअसल, जहा पूरे देश मे कल दशहरे के पर्व पर रावण का दहन होता है। तो वहीं अल्मोड़ा में ये परम्परा अधूरी रह गयी।
जी हाँ, अल्मोड़ा में रावण और उसके परिवार के 22 पुतले बनाये गए थे। जिसमें से 21 पुतलों का दहन स्थानीय हेमवती नंदन स्टेडियम किया गया। लेकिन भारी विवाद के चलते रावण के पुतले का दहन नही किया गया। पुतले को वापस लाला बाजार में ही रख दिया गया है। दरअसल, अल्मोड़ा में पुतलों को बाज़र भर्मण कर स्थानीय स्टेडियम ले जाकर दहन किया जाता है।
इसी दौरान अल्मोड़ा चौक बाज़ार में देवान्तक व रावण के पुतलों के लोगों के बीच झगड़ा हो गया। यह झगड़ा इतना बढ़ गया कि उसमें दशहरा समिति के लोगों को बचाव करना पड़ा। जिसमे तय हुआ कि समिति व देवान्तक पुतले के लोग स्टेडियम में माफी मांगेंगे पर ऐसा नही हुआ। जिसको लेकर रावण पुतला समिति के लोग रावण के पुतले को वापस ले गए औऱ जहाँ पर रावण का पुतला बनाया गया था वहीं पर खड़ा कर दिया गया अभी भी पुतला वही खड़ा है।