केदारनाथ यात्रा मार्गों को ठीक करने के लिए गढ़वाल आयुक्त को बनाया गया नोडल अधिकारी।

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रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश के चलते केदारनाथ यात्रा मार्ग दो जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। जिसके चलते फिलहाल केदारनाथ यात्रा पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में केदारनाथ यात्रा मार्ग के प्रभावित क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं को व्यवस्थित करने के लिए गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे को नोडल अधिकारी बनाया गया है। दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक के दौरान सीएम ने शासन के आल्हा अधिकारियों को निर्देश दिए की भारी-बड़ी से प्रभावित क्षेत्रों में राहत बचाव कार्यों का लगातार मॉनिटरिंग करें।

साथ ही जिलों के जिलाधिकारियों की ओर से राहत और बचाव कार्यों के लिए जो भी सहायता मांगी जा रही है उसे पर तत्काल कार्रवाई करते हुए सहयोग दें। सीएम ने  सचिव आपदा प्रबंधन, सचिव लोक निर्माण विभाग और ऊर्जा विभाग के आला अधिकारियों को निर्देश दिए कि तत्काल रुद्रप्रयाग जिले का दौरा करते हुए रेस्क्यू और आधारभूत संरचनाओ को व्यवस्थित करने की दिशा में कार्य करें। हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद प्रदेश के तमाम क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते हुए नुकसान की जानकारी जिलाधिकारी से ले रहे हैं।

सीएम ने रुद्रप्रयाग जिले के जिलाधिकारी से वर्चुअल माध्यम से बातचीत कर निर्देश दिये कि  केदारनाथ पैदल मार्ग पर आवागमन को जल्द से जल्द शुरू करने का प्रयास करे। पैदल यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका जाए और उनके लिए भोजन की व्यवस्था की जाए। श्रद्धालुओं के परिजनों को उनके सुरक्षित होने की जानकारी का अपडेट भी देते रहे। जारी किये गये हेल्पलाईन नम्बरों का भी व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। साथ ही मौसम बेहतर होने की स्थिति में श्रद्धालुओं को जल्द-जल्द रेस्क्यू किया जाए।

सीएम ने निर्देश दिये कि गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच के क्षतिग्रस्त 150 मीटर सड़क के निर्माण कार्य जल्द की जाए। श्रद्धालुओं के साथ पुलिस का व्यवहार अच्छा हो, साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था भी सुचारू रखने के निर्देश दिए। वही, रूद्रप्रयाग डीएम सौरभ गहरवार ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर जिन स्थानों पर मलबा आया है, उन पर कार्य चल रहा है। मौसम अनुकूल होने की स्थिति में इन रास्तों को अगले एक हफ्ते में ठीक करा लिया जायेगा। गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच क्षतिग्रस्त 150 मीटर मोटर मार्ग के निर्माण की कार्यवाही भी शुरू की जा रही है, अभी इसमें पैदल चलने की व्यवस्था की जा रही है।