उत्तराखंड में उत्तरप्रदेश की तर्ज पर होगा मदरसों का सर्वे, विपक्ष ने उठाये सवाल?

उत्तराखंड शासन उत्तराखण्ड शिक्षा स्वास्थ्य

उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अब उत्तराखंड में भी मदरसों का सर्वे होगा। दरअसल, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने प्रदेश के मदरसा की स्थिति को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अब उत्तराखंड के मदरसों का भी सर्वे कराया जाएगा। जिस पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी सहमति जता दी है। दरअसल, उत्तराखंड राज्य में वक्फ बोर्ड से मान्यता प्राप्त करीब 103 मदरसे संचालित हो रहे हैं। ऐसे में सरकार पहले चरण में वक्फ बोर्ड से मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराएगी, इसके बाद प्रदेश में मौजूद अन्य मदरसों का भी सर्वे कराया जा सकता है।

मदरसों के सवाल पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मदरसों का सर्वे कराने की बात कही है। उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड के चैयरमैन के मदरसों की जांच कराने के बयान पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मदरसों को लेकर समय समय पर तमाम तरीके की बातें सामने आती रहती है। ऐसे में जांच होना आवश्यक है ताकि सच सामने आ सके।

मदरसों के सर्वे के बयान के बाद उत्तराखंड की राजनीतिक सियासत गरमा गई है जहां एक ओर भाजपा संगठन इसे उत्तराखंड वक्फ बोर्ड का मसला बता रही है। तो वही, विपक्षी दल कांग्रेस ने मदरसों के जांच को अच्छा पहल बताते हुए कहा कि अगर सरकार चाहती है की मदरसों का सर्वे हो लेकिन उसके पीछे का नियत साफ होना चाहिए साथ ही कहा कि सिर्फ मदरसों का सर्वे ही क्यों? बल्कि उन सभी स्थानों का सर्वे होना चाहिए जहां आस्था को लेकर कार्यक्रम होता है। क्योंकि पहले जब लोगों की आस्था जागती थी तो वह हिमालय, जंगलों में जाकर तपस्या करते थे। तो वही, अब उनके अनुयायियों ने मठ और मंदिर बना दिए हैं हालांकि वो जमीन, फॉरेस्ट में निहित थे ऐसे में इन सबका सर्वे होना चाहिए और उन जमीनों को रेगुलराइज करने की जरूरत है।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल का कहना है कि देवभूमि उत्तराखंड में हर धर्म के लोगों का अपने अपने तरीके से पूजा पद्धति करने की आजादी है लिहाजा किसी भी धर्म स्थल की पवित्रता नष्ट ना हो इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड अपने स्तर से अपना काम कर रही है लेकिन संगठन स्टार पर अभी फिलहाल इस तरह की कोई बात नहीं हुई है। वहीं, इस पूरे मामले पर उठा खंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा कि प्रदेश के तमाम मदरसों से पहले भी कई मर्तबा शिकायतें आती रही हैं। लिहाजा उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी मदरसों की सर्वे कराए जाने की आवश्यकता है लिहाजा प्रदेश में मौजूद मदरसों के बीच सर्वे कराए जाएंगे।

तो वही, मदरसों के सर्वे कराए जाने के सवाल पर देहरादून के राजपुर रोड स्थित इमदादुल उलूम मदरसे के नाजिम शराफत हुसैन ने कहा कि अगर राज्य सरकार मदरसों का सर्वे कराना चाहती है तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि, राज्य सरकार को चाहिए कि वह साफ नियत के साथ मदरसों का सर्वे कराए ताकि मदरसों मैं और बेहतर सुविधाएं छात्रों को उपलब्ध कराई जा सके साथ ही कहा कि साल 2014 से मदरसों को फंड नहीं मिला है जिससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार सर्वे कराए लेकिन मदरसों के लिए फंड की व्यवस्था करें ताकि बच्चों को तालीम देने वाले शिक्षकों को भी सैलरी दी जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *