चारधाम यात्रा में नही थम रहा मौतों का आंकड़ा, अब तक 86 श्रद्धालुओ की हो चुकी है मौत।

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चारधाम यात्रा में नही थम रहा मौतों का आंकड़ा, अब तक 86 श्रद्धालुओ की हो चुकी है मौत।

उत्तराखंड चारधाम की यात्रा सुचारू ढंग से संचालित हो रही है। मौजूदा स्थिति यह है कि चारों धामों में रोजाना 55 से 60 हज़ार श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं। तो वही, चार धाम में आने वाले श्रद्धालुओं के मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। राज्य आपदा परिचालन केंद्र के अनुसार 10 मई को चार धाम की यात्रा शुरू होने के बाद से अभी तक यानी इन 28 दिनों में 86 श्रद्धालुओ की मौत हो चुकी है। जिसमें सबसे अधिक 42 श्रद्धालुओं की मौत अकेले केदारनाथ धाम में हुई है। चारधाम यात्रा में लगातार बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा शासन प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है।

दरअसल, 10 मई को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम की यात्रा शुरू हो गई थी। 10 मई को ही बाबा केदारनाथ और 12 मई को बद्री विशाल के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे। इसके बाद से ही श्रद्धालुओं के मौतों का सिलसिला जारी है। आंकड़ों के अनुसार, रोजाना औसतन तीन श्रद्धालुओं की मौत चारो धामों में हुई है। 6 जून तक चारों धामों में 86 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है जिसमें से सबसे अधिक केदारनाथ धाम में 42, यमुनोत्री धाम में 19, बद्रीनाथ धाम में 18 और गंगोत्री धाम में 7 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इन सभी श्रद्धालुओं की मौत हृदय गति रुकने से हुई है।

धामों के कपाट खुलने के बाद से ही 6 जून तक 17,76,314 श्रद्धालु चारों धार्मों के दर्शन कर चुके हैं। जिसमें से सबसे अधिक बाबा केदारनाथ धाम में 6,90,348 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। बद्रीनाथ धाम में 4,21,039 श्रद्धालु, यमुनोत्री धाम में 3,18,247 श्रद्धालु और गंगोत्री धाम में 3,07,247 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। हालांकि, मानसून सीजन की दस्तक के बाद चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी सीमित होने की संभावना है। यही वजह है कि मानसून सीजन शुरू होने से पहले ही श्रद्धालु बढ़-चढ़कर धार्मों में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।