उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते तमाम पर्यटक स्थलों पर रोपवे को एक बेहतर विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में उत्तराखंड राज्य सरकार प्रदेश के तमाम जगहों पर रोपवे बनाने की संभावनाओं को तलाश रही है। दरअसल, हाल ही में टिहरी जिले में स्थित सुरकंडा मंदिर के लिए बनाए गए रोपवे का शुभारंभ कर दिया गया है। हालांकि, यह उत्तराखंड राज्य का पहला पीपीपी मोड का रूप में प्रोजेक्ट है। इसी क्रम में अब प्रदेश के 45 अन्य स्थानों पर भी रूप में बनाए जाने की तैयारी चल रही है।
वही, ज्यादा जानकारी देते हुए पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि प्रदेश सरकार ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी के साथ एमओयू साइन किया है। इसके तहत प्रदेश में 45 स्थानों पर रोपवे बनाने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि टिहरी में भी कोट से बौराड़ी रोपवे विचाराधीन है। लंबे समय से अटके यमुनोत्री धाम के रोपवे को लेकर पर्यटन सचिव ने कहा कि पीपीपी मोड के लिए यहां पर पार्टी तलाशी जा रही है।
लगभग 180 करोड़ रुपये की लागत से यहां पर रोपवे प्रस्तावित है। पुरानी पार्टी के डिफाल्टर होने से रोपवे का काम शुरू नहीं हो पाया। जल्दी ही नई पार्टी तलाशकर रोपवे का काम शुरू कराया जाएगा। पर्यटन और तीर्थाटन को लेकर प्रदेश सरकार का पूरा फोकस बना हुआ है।