मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को दून विश्वविद्यालय में सहकार भारती द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सांस्कृतिक और साहित्यिक महोत्सव का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने सहकार भारती के संस्थापक स्व. लक्ष्मणराव इनामदार का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने मूकसाधक की भांति राष्ट्र के लिए समर्पित जीवन जिया और देश में सहकारिता आंदोलन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अपनी स्थापना से ही सहकार भारती ने सहकारिता आंदोलन को राष्ट्र प्रथम के भाव के साथ आगे बढ़ाने की दिशा में प्रशंसनीय कार्य किया है और हमेशा अपने कार्यों से यह प्रयास किया कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा जाए। उन्होंने कहा कि सहकारिता में स्पर्धा की बजाए सहयोग की भावना रहनी चाहिए क्योंकि सहकारिता किसी पर उपकार नहीं बल्कि एक दूसरे को स्वावलंबी बनाने का कार्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पीढ़ी के लिए सहकारिता का बहुत महत्व है, क्योंकि आज की पीढ़ी जल्द स्वावलंबी बनना चाहती है। इसीलिए सहकार से समृद्धि के स्वप्न को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहकारिता मंत्रालय का गठन किया। केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में यह मंत्रालय देश में सहकारिता आंदोलन को और अधिक मजबूत करने के लिए एक अलग प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत ढांचा प्रदान कर रहा है।
मंत्रालय सहकारी समितियों के लिए कारोबार में सुगमता के लिए प्रक्रियाओं को कारगर बनाने और बहु-राज्य सहकारी समितियों के विकास को सक्षम बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सहकारिता विभाग व उससे सम्बन्धित समस्त संस्थाओं का उद्देश्य न केवल कृषकों को सस्ते ऋण की सुविधा प्रदान कराना है, बल्कि ग्रामीण एवं शहरी निर्बल और निर्धन वर्ग को सशक्त बनाते हुये उनके जीवन स्तर को उन्नत करना भी है।
सहकार भारती सहकारिता और सहकारी समितियों का एकमात्र अखिल भारतीय संगठन है। अपने मिशन के अनुसरण में सहकार भारती आत्मनिर्भर सहकारी संस्थानों के निर्माण के लिए जनता को सशक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। अपने अनशांगिक प्रकोष्ठ ‘गंगा सहकार ग्राम’ के तहत प्राकृतिक खेती, औषधि एवं पौधारोपण आदि कार्यों को बढ़ावा दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के तहत पशुपालकों को साइलेज उपलब्ध कराया जा रहा है।
देशभर में बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकरण कार्य की शुरुआत उत्तराखंड से हुई है। राज्य की सभी 670 समितियों का कंप्यूटरीकरण का कार्य पूरा किया जा चुका है। सहकारी समितियों के साथ 95 जन औषधि केंद्र एवं जन सुविधा केंद्रों की शुरूआत भी सबसे पहले उत्तराखंड ने की है। सहकारिता की भावना से प्रारंभ किए गए जन औषधि केंद्रों से लोगों को सस्ती दवाएं मिल रही हैं।