देश के अन्य राज्यों में चल रही पशुओं से संबंधित लंपी स्किन डिजीज को देखते हुए उत्तराखंड में अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि, प्रदेश में अभी ऐसा कोई केस नहीं आया है। वही, पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि लंपी स्किन डिजीज को देखते हुए सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि जितने भी बॉर्डर के क्षेत्र है वहा पर वैक्सिनेशन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। हालाकि, केंद्र सरकार से फंड भी प्राप्त हो गई है।
आपको बता दे कि लम्पी डिजीज पशुओं में शुरुआती अवस्था में त्वचा पर चेचक, नाक बहना, तेज बुखार जैसे लक्षण नजर आते हैं। वायरस के कारण पशुओं को काफी तेजी बुखार आता है। बुखार आने के बाद उनकी शारीरिक क्षमता बहुत ज्यादा गिरने लगती है। इसके कुछ दिनों बाद पशुओं के शरीर पर चकत्ते दिखने लगते हैं। बताया जा रहा है कि लम्पी डिजीज संक्रमित गाय के संपर्क में आने से दूसरी गायों में फैलती है। यह रोग मक्खी, मच्छर या फिर जूं द्वारा खून चूसने के दौरान फैल सकती है। यही नहीं दूषित गाय के सीधे संपर्क में आने से भी फैल सकती है।
साथ ही मंत्री बहुगुणा ने बताया कि लंपी स्किन डिजीज का उत्तराखंड में कोई भी केस अभी तक नही आया है। लेकिन इस डिजीज को देखते हुए बृहद स्तर पर वैक्सिनेशन करने के निर्देश दिए गए है। साथ ही कहा कि लापरवाही ना बरतते हुए इस डिजीज को लेकर प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है।