उत्तराखंड राज्य में 14 फरवरी मतदान के बाद अब 10 मार्च को मतगणना होना है जिसकी तैयारियों में ना सिर्फ निर्वाचन आयोग जुटा हुआ है बल्कि राजनैतिक पार्टिया भी तैयारियों में जुटी हुई है। दरअसल प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियां, भाजपा और कांग्रेस का निर्णय आलाकामान ही लेता है। यही वजह है कि दोनों ही पार्टियों के वरिष्ठ नेता दिल्ली दौरे पर नजर आ रहे हैं। दोनों ही पार्टियां जीत का दम भर रही है ऐसे में मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसके लिए मुख्यमंत्री पद की दावेदारी कर रहे नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के बाद 10 मार्च को मतगणना से पूर्व राजनीतिक दलों के नेताओं की दिल्ली दौड़ एक बार फिर शुरू हो गई है। जहां भाजपा के कई वरिष्ठ नेता एक फेरा दिल्ली का लगा आए हैं, वहीं कांग्रेस के कुछ दिग्गज दिल्ली में मौजूद हैं तो कुछ जाने की तैयारी में हैं। प्रदेश नेताओं की दिल्ली दौड़ को आगामी विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद बनने वाली स्थितियों पर पहले से होमवर्क के तौर पर देखा जा रहा है।
इसी क्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पिछले दो दिनों से दिल्ली में हैं तो नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं। दोनों नेताओं की दिल्ली सक्रियता को लेकर तमाम तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं। क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर दोनों ही नेताओं को मुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में अगर कांग्रेस बहुमत हासिल करती है तो उनका मुख्यमंत्री कौन होगा यह फैसला भी आलाकमान तय करेगा।
आपको बता दे कि प्रदेश की राजनीति में चाहे वह भाजपा हो या कांग्रेस पार्टी हाईकमान के आदेश के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता है। ऐसे में पार्टियां चुनाव परिणामों से पहले हर स्थिति की भावी रणनीति बना लेना चाहती हैं। राजनीतिक सूत्रों की मानें तो भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की दिल्ली दौड़ इसी का एक हिस्सा थी। वहीं अब कांग्रेस के नेता दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं।