बड़ी खबर – जर्जर हो चुके स्कूलों को लेकर मिशन मोड में आया विभाग, सूची तैयार कर रहा है महकमा

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प्रदेश भर में स्कूलों के जर्जर हो चुके भवनो को लेकर अब शिक्षा विभाग मिशन मोड़ में नजर आ रहा है। दरअसल, 14 सितंबर को चंपावत के एक प्राथमिक विद्यालय के शौचालय की छत गिरने से एक छात्र की मौत और कई बच्चे घायल हो गए थे। जिसके बाद सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी भवनों का निरीक्षण करने साथ ही भवनों के जरूरत के अनुसार मरम्मत करने के निर्देश दिए थे। ताकि, बच्चों के कक्षाएं सुरक्षित भवनों में ही संचालित हो सके।

आपको बता दे कि प्रदेश में करीब 400 से अधिक सरकारी प्राथमिक स्कूल की स्थिति जर्जर है। कुछ स्कूलों में बिजली, पानी और शौचालय तक की  व्यवस्था नहीं है। इसके साथ ही बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध ना होने के चलते 2500 से अधिक स्कूल बंदी के कगार पर है। हालांकि, इन स्कूलों को मॉडल बनाने एवं उनमें सुविधाओं के दावे किए जाते रहे हैं। लेकिन  स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध ना होना सरकार के सभी दावों की पोल खोल रहा है।

तो वही, अब मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शिक्षा महकमा अलर्ट मोड पर आ गया है। शिक्षा विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि चंपावत की घटना के बाद विभाग में सभी निदेशकों को निर्देश जारी कर दिए गए है कि वह जर्जर भवनों की सूची जल्द से जल्द उपलब्ध करा दे। डीजी शिक्षा ने कहा कि संख्या का पता लगने के बाद उसको लेकर रणनीति बनाई जाएगी। जिसमे जीर्णोद्वार एव ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी।

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