केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब रोपवे की डीपीआर तैयार हो गई है। केदारनाथ रोपवे पर 1100 करोड़ और हेमकुंड साहिब रोपवे पर 700 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। इन रोपवे के लिए पर्यटन विभाग ने वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अलावा भारत पर्वत माला योजना के तहत प्रदेश के नए पर्यटक व धार्मिक स्थलों को रोपवे से जोड़ा जाएगा।
सभी जिलों ने 41 स्थानों पर रोपवे निर्माण के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा है। प्रदेश में पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कई स्थानों पर रोपवे बनाने की योजना है। रोपवे निर्माण के लिए सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के साथ एमओयू किया है। पहले चरण में एनएचएआई की अधीन नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड को सात रोपवे की डीपीआर तैयार करने का काम सौंपा गया है।
जिसमें 2 केदारनाथ रोपवे, नैनीताल रोपवे, हेमकुंड साहिब रोपवे, पंचकोटी से नई टिहरी, औली से गौरसू, मुनस्यारी से खलिया टॉप तथा ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव शामिल है। केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे की डीपीआर तैयार हो गई है। पर्यटन विभाग ने रोपवे के वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिसके बाद टेंडर किए जाएंगे। रोपवे निर्माण से केदारनाथ और हेमकुंड साहिब तक श्रद्धालु आसानी से पहुंच सकेंगे।