उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा विभाग ने परीक्षा के दौरान होने वाले नकल पर नकेल कसने को लेकर बड़ा फैसला लिया है। जी हां, उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा में नकल करते पकड़े जाने पर अब परीक्षार्थी के साथ ही प्रधानाचार्य पर भी कार्रवाई होगी। इस संबंध में विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने आदेश जारी किए हैं। दरअसल, बोर्ड परीक्षा के दौरान कई बार नकल करने के मामले सामने आते रहे है जिस पर लगाम लगाने को लेकर शिक्षा विभाग ने ये फैसला लिया है।
मुख्य शिक्षा अधिकारियों को जारी पत्र में कहा गया है कि यदि किसी स्तर पर नकल और अनुचित साधन पकड़े जाने का मामला संज्ञान में आता है तो प्रधानाचार्य के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड में बोर्ड परीक्षाओं में नकल करने वाले परीक्षार्थियों को पकड़ने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से प्रत्येक जिले व तहसील में उड़नदस्तों की टीम को नियुक्त किया गया है। जिसका कार्य औचक निरीक्षण करना है। 28 मार्च से शुरू हुई 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षा में अभी तक कहीं से भी नकल का मामला सामने नहीं आया है।
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने परीक्षा कक्ष में नकल रोकने के कड़े नियम बनाए हैं। परीक्षा के दौरान उसी विद्यालय के शिक्षक को कक्ष निरीक्षक तैनात नहीं किया जा रहा है। प्रत्येक कक्ष में दो निरीक्षकों की नियुक्ति है। कक्ष में नियुक्त दोनों कक्ष निरीक्षक एक ही विद्यालय से भी नहीं होंगे। परीक्षा के लिए जो केंद्र बनाए गए हैं उसमें 18 अति संवेदनशील हैं। यहां नकल रोकने के लिए विद्यालयी शिक्षा परिषद ने पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की है।
परीक्षा के लिए प्रदेश में 1333 केंद्र बनाए गए हैं। जिनमें सबसे अधिक 164 परीक्षा केंद्र पौड़ी जनपद व सबसे कम 40 परीक्षा केंद्र चंपावत में हैं। 10वीं कक्षा में 1,29,784 व 12वीं में 1,13,166 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल है। सबसे ज्यादा परीक्षार्थी हरिद्वार जिले में 42,661 और सबसे कम चम्पावत में 7,797 हैं। प्रदेश में 191 परीक्षा केंद्र संवेदनशील व 18 अति संवेदनशील हैं।