कांवड़ियों की उमड़ती भीड़, कोरोना का बढ़ता खतरा और बरसात के कारण जगह जगह पानी भरे होने से डेंगू के मच्छर पैदा होने का खतरा भीड़ के कारण हो रही गंदगी, इन सबका मेल कई सूबे पर आफत न ले आए। ये स्वास्थ्य महकमे के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। प्रदेश में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं और डेंगू का खतरा बढ़ रहा है। इसी को देखते हुए अपर सचिव स्वास्थ्य आर राजेश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को कोरोना की नई एसओपी जारी की है।
इसके तहत खांसी-जुकाम वाले सभी मरीजों की अनिवार्य रूप से आरटीपीसीआर जांच कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही दो गज की दूरी व मास्क लगाने के लिए जनता को जागरूक करने को कहा है। जांच, निगरानी, उपचार व टीकाकरण के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है। हिदायत दी है कि वे अस्पतालों में ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कन्संट्रेटर, ऑक्सीजन वेड, वेंटिलेटर और इलाज में काम आने वाली दवाएं पर्याप्त मात्रा में तैयार रखें। ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट चालू हालत में रखे जाएं व हल्के कोविड लक्षण वालों को घरों में आइसोलेशन में रखा जाए।
बता दें कि प्रदेश में 25 हफ्ते के बाद फिर कोरोना की साप्ताहिक संक्रमण दर 10 फीसद से ऊपर पहुंच गई है। 23 जुलाई 2022 को प्रदेश में कोविड के 123 हफ्ते पूरे हुए हैं। पिछले हफ्ते संक्रमण दर 10.37 प्रतिशत रही है। इससे पहले हफ्ते में संक्रमण दर 11.78 फीसद रही थी। अपर सचिव स्वास्थ्य ने सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि जुलाई से नवम्बर तक का समय डेंगू वायरस के संक्रमण के लिए अनुकूल होता है।
आगामी महीनो में डेंगू के प्रसारित होने की आशंका को देखते हुए डेंगू रोग रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए जारी अधिसूचना में शामिल समस्त तकनीकी एवं प्रशासनिक कार्यवाहियों के साथ निम्न डेंगू निरोधात्मक गतिविधियों का क्रियान्वयन कराया जाए। डेंगू रोग की समुचित रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए ब्लाकस्तरीय माइक्रोप्लान तैयार कर समय से सभी कार्यवाहियां करें व निरन्तर मॉनीटरिंग की जाए। डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए समस्त विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने एवं प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों और पर्वतीय क्षेत्रों के घाटी क्षेत्रों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए। डेंगू स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जाए।