दोनों पत्रों के वायरल पर उठे विवाद के बाद मंत्री आर्य ने दी सफाई, कहा नही था उनका ऐसा मंतव्य

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उत्तराखंड कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य का पत्र वायरल होने के बाद हुए विवाद पर अब खुद कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने प्रेसवार्ता कर अपनी सफाई पेश की है। रेखा आर्य ने कहा कि उनका ऐसा कोई मंतव्य नहीं था और ना ही जो भी पत्र जारी हुए हैं उसमें इस बात का जिक्र है कि सबको जबरन उनके कार्यक्रम में शामिल ही होना है। लेकिन कुछ लोग इस पद का गलत मतलब निकाल कर इसे प्रचारित कर रहे हैं।

आपको बता दे कि रेखा आर्य के विभाग से जुड़े दो पत्र वायरल हुए थे जिसमें इस बात का जिक्र किया गया था कि कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य 26 जुलाई को हरिद्वार से कावड़ यात्रा निकाल रही हैं ऐसे में इस कावड़ यात्रा के दिन महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने नजदीकी शिवालयों में जाकर भगवान शंकर को जल चढ़ाएंगे और उसका फोटो विभागीय मेल पर भेजेंगे। इसी क्रम में जो दूसरा पत्र वायरल हुआ था उस पत्र के अनुसार कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य बरेली, उत्तरप्रदेश में प्राण प्रतिष्ठान को लेकर एक कार्यक्रम कर रही हैं जिसमें खाद्य विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को शामिल होने के निर्देश दिए गए थे।

इन दोनों पत्रों के वायरल होने के बाद न सिर्फ विपक्ष ने जमकर विरोध किया बल्कि इस बात पर जोर दिया कि ये पत्र नियमो के खिलाफ है, लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। साथ ही कहा कि सरकार के मंत्रियों को सस्ती राजनीति से बचना चाहिए ताकि जनता का भरोसा बना रहे। यही नहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर इस बाबत कार्रवाई की भी मांग की थी।

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