विश्व धरोहर फूलों की घाटी 31 अक्टूबर को शीतकाल के दौरान पर्यटकों के लिए बंद कर दी जायेगी। कोरोना काल के बाद विश्व धरोहर फूलों की घाटी में इस बार रिकॉर्ड तोड़ पर्यटक पहुंच रहे हैं। अब तक 20,695 देशी-विदेशी पर्यटक घाटी का दीदार कर चुके है, जिसमे 273 विदेशों पर्यटक शामिल हैं। हालांकि, जो फूलों की घाटी मे सबसे अधिक पर्यटक एक सीजन में आने का रिकॉर्ड हासिल किया है। इससे पहले साल 2019 में 17,424 पर्यटक के आने का रिकॉर्ड था, जिसमे 179 विदेशी पर्यटक भी शामिल है।
वन विभाग को अबतक 30,58,425 रुपए की आय हो चुकी है। फूलो की घाटी की यात्रा चलने से स्थानीय व्यवसायियों को अच्छी आमद हुई है। कोरोना के बाद जिसने संजीवनी का काम किया है। समुद्रतल से 12,995 फीट की ऊंचाई पर स्थित फूलों की घाटी को यूनेस्को ने वर्ष 2005 में विश्व धरोहर का दर्जा दिया था। 87.5 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली इस घाटी में जहां 500 से अधिक दुर्लभ प्रजाति के फूल खिलते हैं। वहीं, दुर्लभ हिमालयी जीव-जंतु, परिंदों और जड़ी-बूटियों का दीदार भी किया जा सकता हैं।
यही वजह है कि हर साल यहां हजारों देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं। यहाँ पर कलकल करती पुष्पावती नदी, झरझर झरते झरने ,खिले फूल सुंदर वादियां पर्यटको को मन्त्र मुगध करती है। यहा पर 500 से अधिक प्रजाति के प्रकृत्तिक फूल खिलते है। जो दुनिया मे एकलौती जगह है इसके अलावा दुर्लभतम प्रजाति के वन्य जीव जंतु पशु पक्षी के साथ जैव विविधता का खजाना है, घाटी की खोजफ्रैंक स्मिथ ने किया था।
वन क्षेत्राधिकारी फूलों की घाटी गौरव नेगी का कहना है कि फूलो की घाटी, पर्यटकों के लिए 31अक्टूबर को बंद कर दी जाएगी। कोरोना के बाद इस साल घाटी में रिकॉर्ड तोड़ पर्यटक, घाटी का दीदार कर चूके है। इस साल अभी तक 20,695 देशी-विदेशी पर्यटक घाटी का दीदार कर चुके है। जो कि फूलो की घाटी में अबतक सबसे अधिक पर्यटक आने का रिकॉर्ड है। पिछला रिकॉर्ड 2019 में 17424 पर्यटको का था और आय 27,60,825 रूपए की थी। और इस साल 30,50,825 रुपए की हो गई है।