उत्तराखंड राज्य में जनप्रतिनिधियों संबंधित प्रोटोकॉल का मामला समय-समय पर चर्चाओं का विषय बनती रही है। इसी क्रम में राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान धर्मपुर विधानसभा सीट से विधायक विनोद चमोली को प्रोटोकॉल के तहत सम्मान ना मिलने पर नाराजगी व्यक्ति की थी। साथ ही अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए विनोद चमोली ने जनता के बीच बैठकर कार्यक्रम का हिस्सा बने थे। ऐसे में, शुक्रवार को विधायक विनोद चमोली ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर जनप्रतिनिधियों को मिलने वाले प्रोटोकॉल के संबंध में चर्चा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात के दौरान भाजपा विधायक विनोद चमोली ने सरकारी कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों की गरिमा के अनुकूल आमंत्रित करने, उनके प्रतिभाग करने के साथ ही बैठने के क्रम की व्यवस्था समेत प्रोटोकॉल के लिए एसओपी जारी करने का अनुरोध किया। जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को दिए जाने वाले प्रोटोकॉल को लेकर जल्द ही एसओपी जारी की जाएगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को एसओपी जारी करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात के बाद भाजपा विधायक विनोद चमोली ने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता का प्रतिनिधि होता है, साथ ही लोकतंत्र में सरकार जनता चलाती है जबकि अधिकारी लोक सेवक होते है। साथ ही कहा कि कई बार देखने में आया है कि जितने भी सरकारी कार्यक्रम होते हैं उसमें जनप्रतिनिधियों की अनदेखी हो जाती है। यह घटना कोई पहली बार नहीं हुई है बल्कि कई बार जनप्रतिनिधियों के अनदेखी का मामला सामने आ चुका है। जिसके चलते कई बार जनप्रतिनिधियों को अपमानित होना पड़ता है और जब जनप्रतिनिधि रिएक्ट करते है तो जनता भी इस मामले को आदरवाइज ले लेती है।
ऐसे में जनप्रतिनिधियों के प्रोटोकॉल से संबंधित एक स्पष्ट गाइडलाइन और मार्गदर्शन होनी चाहिए, ताकि शासन- प्रशासन उसके अनुरूप काम करे, ताकि टकराव की स्थिति से बचा जा सके। साथ ही कहा कि जब ऐसा होता है तो शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच टकराव जैसी स्थिति बनती है जिसके चलते काम भी प्रभावित होता है। इसको लेकर दो दिन पहले उन्होंने मुख्य सचिव को भी पत्र लिखा था और आज सीएम धामी से मुलाकात कर यही कहा है कि जनप्रतिनिधियों से संबंधित प्रोटोकॉल के लिए एक नियमावली बनाया जाए, जिसको सभी लोग फॉलो करे। ये नियमावली सिर्फ विधायकों के लिए न हो बल्कि सभी प्रतिनिधियों के लिए एक प्रोटोकॉल फ़िक्स होनी चाहिए।