उत्तराखंड हाईकोर्ट ने केदारनाथ यात्रा के दौरान हो रही घोड़े खच्चरों की मौतों के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमुर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने चारो धामों के जिलाधिकारियों, पशुपालन विभाग सहित राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने यात्रा को सुरक्षित तरीके से चलाने के एक कमेटी का गठन करने को कहा है।
मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 22 जून की तिथि नियत की है। दरअसल, पशु प्रेमी गौरी मौलखी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों में करीब 20 हज़ार से ज्यादा घोड़े खच्चरों का यात्रियों समान ढोने के लिए प्रयोग किया जा रहा है। जिसमें से अधिकतर घोड़े खच्चर बीमार हैं इन घोड़े खच्चरों में आवश्यकता से अधिक बोझ लादा जा रहा है यात्रा मार्ग पर इन घोड़े खच्चरों के जांच के लिए न ही पशु चिकित्सक है और ना ही चारे पानी व छप्पर की कोई उचित व्यवस्था है।
यात्रा मार्ग पर आवश्यक से अधिक श्रद्धालुओं के पहुचने से धक्का मुक्की और जहां तहां यात्रा मार्ग पर जानवरों की लीद से यात्रियों और घोड़े के फिसलने से कई मौत हो चुकी है। याचिकाकर्ता यह भी का कहना है कि यात्रा मार्ग पर जिन घोड़े खच्चरों की मौत हो रही उन्हें नदियों में फेका जा रहा है जिसे नदी का जल तो दूषित हो रहा है।