मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर की गई बयानबाजी इस नेता को पड़ी भारी, पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित

उत्तराखण्ड राजनीती

उत्तराखंड राज्य में साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एक बार फिर करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। हालांकि, कांग्रेस को मिली इस हार की वजह को तलाशने के लिए कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं इसी क्रम में कांग्रेस आलाकमान इस बावत जुटा हुआ है कि जल्द ही हार की कमियों को ढूढ़कर कर उसे ठीक किया जाए। इसी क्रम में चुनाव से पहले उठा मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मुद्दे ने भी कांग्रेस को इस चुनाव में काफी नुकसान पहुचाया है। यही वजह है कि कांग्रेस के बड़े नेता इस बात से मुकर रहे हैं कि उन्होंने मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने की बात कही हो।

वही, उत्तराखंड में कांग्रेस में घमासान जारी है मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बयान पर पूर्व सीएम अनशन जहा पहले ही एक लाख रुपए इनाम का एलान कर चुके हैं। तो वही, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अकील अहमद द्वारा उठाये गए मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर लगातार कर रहे बयानबाजी पर कांग्रेस प्रदेश संगठन ने बड़ी कार्यवाही की है। दरअसल, कांग्रेस ने चुनाव में मुस्लिम यूनिवर्सिटी का मुद्दा उठाने वाले प्रदेश उपाध्यक्ष अकील अहमद को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इस संबंध में कांग्रेस प्रदेश महामंत्री संगठन मथुरा दत्त जोशी ने निष्कासन पत्र भी जारी कर दिया है। जिसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है।

दरअसल, एक मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जुमले ने ही सत्ता में आती कांग्रेस को विपक्ष में बिठा दिया। हरीश रावत लगातार इस मुद्दे पर मुखर है। तो वहीं, अकील अहमद लगातार मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसे महामंत्री संगठन मथुरा दत्त जोशी ने अकील अहमद के निष्कासन का आदेश जारी किया है। जिसमें बयानबाजी को निष्कासन की वजह बताया गया है। पत्र में लिखा है कि अकील अहमद की विधानसभा चुनाव के दौरान एवं उसके उपरान्त इलेक्ट्रोनिक / प्रिंट एवं सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार की जा रही बयानबाजी उनके पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है। जिसके चलते उन्हें पार्टी के सभी पदों से मुक्त करते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के3 लिये निष्कासित किया गया है।

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