सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ एवं सुलभ बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत संचालित विभिन्न परियोजनाओं की वर्ष 2026 तक की कार्ययोजना तैयार कर शीघ्र भारत सरकार को भेजी जायेगी। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को विभागीय आवश्यकताओं एवं प्रदेश के भौगोलिक परिवेश को ध्यान में रखते हुये कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त जिन परियोजनाओं की प्रगति धीमी चल रही है उनमें तेजी लाने को कहा गया है।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज स्वास्थ्य महानिदेशालय स्थित सभागार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति एवं अन्य राज्यों के साथ तुलनात्मक समीक्षा की। डा. रावत ने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तत्वाधान में गत माह प्रदेश में आयोजित तीन दिवसीय चिंतन शिविर में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया जी ने सभी राज्यों से एनएचएम के अंतर्गत वर्ष 2026 तक की विस्तृत कार्य योजना प्रस्तुत करने को कहा।
जिसके तहत राज्य सरकार ने प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं आवश्यकताओं को देखते हुये राज्य में संचालित लगभग दो दर्जन परियोजनाओं का विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर भारत सरकार को भेजने का निर्णय लिया है ताकि आने वाले समय में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर एवं लोक प्रिय बनाया जा सके। इसी क्रम में एनएचएम के अधिकारियों को प्रत्येक जनपद से स्वास्थ्य विभाग की आवश्यकताओं का विवरण मंगवाकर वर्ष 2026 तक का रोड़मैप तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं।
वर्तमान में संचालित कतिपय योजनाओं की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुये विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को कार्यप्रणाली में सुधार लाने व योजनाओं की प्रगति में तेजी लाने के निर्देश दिये। डा. रावत ने कहा कि राज्य एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के मध्य बेहतर समन्वय होना जरूरी है तभी योजनाओं का क्रियान्वयन तेजी से किया जा सकता है।
समीक्षा बैठक में डॉ. मुकेश राय, डॉ. फरीद व डॉ. अर्चना के द्वारा एनएचएम के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं मैटरनल हेल्थ चाइल्ड हेल्थ, फेमिली प्लानिंग, पीसीएनडीटी, टीबी उन्मूलन, एनपीएनसीडी, पीएमएनडीपी, टेली कांस्लटेशन, फुटफॉल सहित डेढ़ दर्जन परियोजनाओं का पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण दिया गया।